कामनाओं के नशेमन - 1

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कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 1 दरवाजे बहुत होते हैं, कुछ सहजता के साथ खुल जाने वाले और कुछ दरवाजे बहुत खटखटाने के बाद खुलने वाले। उतना अर्थ दरवाजे का नहीं होता जितना अर्थ चौखट का होता है। चौखट लांघ कर भीतर आना और चौखट लांघ कर बाहर जाना, दोनों ही स्थितियों में पांवों में बड़ा साहस चाहिए। वह भी मन के पांवों में ज्यादह साहस। शायद कुछ ऐसे ही हालात से जुड़े अमल अभी दुर्गम पहाड़ियों की यात्रा करके एक दरवाजे के सामने थके से खड़े हो गए। पता नहीं उनके मन के पांवों में इतना साहस है