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कामनाओं के नशेमन by Husn Tabassum nihan in Hindi Novels
कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 1 दरवाजे बहुत होते हैं, कुछ सहजता के साथ खुल जाने वाले और कुछ दरवाजे बहुत खटखटाने क...
कामनाओं के नशेमन by Husn Tabassum nihan in Hindi Novels
कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 2 अमल फ्रेश हो कर ड्राइंग रूम में आकर बैठ गए थे। मोती से एक शीशे का गिलास मांगा। वह...
कामनाओं के नशेमन by Husn Tabassum nihan in Hindi Novels
कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 3 ‘‘हाँ...याद है‘‘ अमल ने कहा...‘‘और मैने तुम्हारे हाथों को परे कर दिया था...शायद ए...
कामनाओं के नशेमन by Husn Tabassum nihan in Hindi Novels
कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 4 वह अभी तक बेड के पास खड़ा मोहिनी के पूरे आकार को हिंस्रता से घूर रहा था। उसकी नाईट...
कामनाओं के नशेमन by Husn Tabassum nihan in Hindi Novels
कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 5 अमल इस बार मोहिनी की ओर देख कर हँस कर बोले- ‘‘तुम्हारे पास आना जैसे मेरी एक मजबूर...