जितना ‘जतन’ उतना ‘पतन’

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“तो तू आ रही है ना इस संडे?” संजना ने पूछा।“ये में अभी से कैसे फाइनल कह सकती हूं?” कामिनी ने कहा।संजना और कामिनी कॉलेज के समय से पुरानी सहेलियां थी, वर्तमान समय मे दोनों एक कुशल गृहिणी थी। जो अपने घर की जिम्मेदारियां बहुत अच्छी तरह से निभा रही थी। वैसे पुराने दोस्त बहुत जल्दी नहीं मिल पाते, पर कुछ दोस्ती को कोई बंधन नहीं होते। वो जब चाहे एक दूसरे से मिल सकते है। संजना और कामिनी भी ऐसी सहेलियां थी। उनके पति भी एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए थे, और अब तो दोनों के बेटे