नियति... - 8

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उस दिन सिकंदरा में अमर और मेरे दोनों के साथ में फोटोज क्लिक कर लिए जाते हैं।हम दोनों ही इस बात से अनजान होते है कि हमारे सामने हूं ऐसा कुछ भी हो रहा है।रश्मि भी हमारे पास आ जाती है और हम सब पूरे मकबरे का राउंड लगाने निकल पड़ते हैं हम तीनो खूब एंजॉय करते है।वहां से वापस आते हुए हम पानी पुरी और आइस क्रीम दोनो का ही स्वाद लेते हैं।तथा तीनो गुरु का ताल जाने का डिसाइड कर ऑटो से निकल आते हैं।बातो ही बातो में ऑटो गुरु का ताल से थोड़ा आगे निकल आता है