नियति... - Novels
by Apoorva Singh
in
Hindi Women Focused
इस वर्ष का सामाजिक क्षेत्र मे महिलाओ के पुनरुत्थान के लिए नारी शक्ति पुरुस्कार दिया जाता है मिस नियति कपूर को।जिन्हें महिलाओं द्वारा साहिबा जी की उपाधि दी गयी है।मैं निवेदन करता हूँ नियति जी से कि वो ...Read Moreपर आकर माननीय राष्ट्रपति जी से ये पुरुस्कार ग्रहण करें।इस आयोजन के एंकर ने जैसे ही अपने शब्दो को विराम दिया पूरा आयोजन स्थल वहां मौजूद ऑडियंस की तालियों से गुंजायमान हो गया।और ऐसा हो भी क्यों न अपूर्व फाउंडेशन की संस्थापक नियति कपूर को इस सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। नियति कपूर,जिसने अपूर्व फाउंडेशन की स्थापना कर कई महिलाओ
इस वर्ष का सामाजिक क्षेत्र मे महिलाओ के पुनरुत्थान के लिए नारी शक्ति पुरुस्कार दिया जाता है मिस नियति कपूर को।जिन्हें महिलाओं द्वारा साहिबा जी की उपाधि दी गयी है।मैं निवेदन करता हूँ नियति जी से कि वो ...Read Moreपर आकर माननीय राष्ट्रपति जी से ये पुरुस्कार ग्रहण करें।इस आयोजन के एंकर ने जैसे ही अपने शब्दो को विराम दिया पूरा आयोजन स्थल वहां मौजूद ऑडियंस की तालियों से गुंजायमान हो गया।और ऐसा हो भी क्यों न अपूर्व फाउंडेशन की संस्थापक नियति कपूर को इस सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। नियति कपूर,जिसने अपूर्व फाउंडेशन की स्थापना कर कई महिलाओ
नियति जो अध्ययन रूम में मंजू,और मंजरी को पढ़ा रही होती है। कर्ण उन दोनों से मिलने वहां मिसेज खन्ना के साथ आ जाता है।मिसेज खन्ना को वहां देख कर नियति अध्ययन बंद कर देती है और उनके आने ...Read Moreकारण पूछती है। मिसेज खन्ना नियति को बताती है कि ये कर्ण है मेरी बड़ी बहन का बड़ा बेटा।अब से कुछ दिनों के लिए यहीं हमारे पास रहेगा।मंजू और मंजरी को देखने के उत्साह में मुझे जबरन कह कह कर यहां ले आया। सॉरी बेटा।।लेकिन आज की क्लास इतनी ही रहने दो।।वैसे भी अब दस मिनट की ही तो क्लास
मेरे लिए ये कोई नई बात नहीं थी।सो मैंने इसे दिल पर नहीं लिया और जाने दिया।और अपनी किताबों के साथ समय व्यतीत करने लगी। कुछ ही दिनों में कोलेज का पहला दिन था और मुझे कोलेज जाना था।तैयार ...Read Moreमै कॉलेज के लिए निकल गई।सलवार सूट पहने हुए मैंने कोलेज में एंट्री ली।और चारो और एक नजर दौड़ा दी।कोलेज के कुछ छात्र मेरी वेशभूषा देख देख कर दबे होठो से हंसी हंस रहे थे।वहीं कुछ अपना मुंह फेर हंस रहे थे।खैर मै इग्नोर कर आगे बढ़ने लगी।जैसा कि पहले हर नए छात्र छात्राओं के साथ होता था कोलेज के
लगभग एक घंटे में मै अपने ग्राम पहुंच जाती हूं।घर पहुंच कर आदतन सबको प्रणाम कर हाथ मुंह धुलने के बाद अपने कमरे में जाती हूं।बड़े दिनों बाद अपने कक्ष में पहुंच कर मुझे बड़ा सुकून मिलता है।सबसे पहले ...Read Moreकमरे का जी भर कर निरीक्षण कर लेती हूं उसके बाद आराम से अपनी चीजो को खंगालने लगती हूं।लेकिन वहां मेरी कुछ नाम मात्र की ही चीजें मुझे दिखाई देती हैं।जिनमें कुछ अच्छे कपडे,कुछ नोवेल्स,और कुछ डेकोरेटिव वस्तुएं जो मैंने खुद वेस्टेज से बनाई होती थी।जिनमें चूड़ियों और दीपो के जरिए बनाया गया हैंगिंग झूमर,प्लास्टिक बॉटल से बनाया गया खूबसूरत
ऐसा सोच मैं मन ही मन माता रानी से प्रार्थना करने लगती हूँ।और कोचिंग से घर के लिए निकल जाती हूँ।रास्ते मे हल्की बूंदाबांदी शुरू हो जाती है लेकिन इतनी नही कि भिगो सके।बारिश देख कर मैं मन ही ...Read Moreप्रफुल्लित हो रही थी कि तभी ई रिक्शा खराब हो गया और मेरे साथ वहां मौजूद अन्य लोगो को भी परेशानी होने लगी।हे अम्बे मां! इसे भी अभी खराब होना था।अब तो पक्का बारिश हो जानी है।और मुझे पूरी तरह भीग ही जाना है। इ रिक्शे को सही होने में समय लगता तो मैं पैदल ही हॉस्टल के लिए निकल
उन दोनों को वहां देख मैंने अम्बे मां को मन ही मन धन्यवाद दिया,और उनको बचाने के विषय मे सोचने लगी।मैं किडनैपर के बारे में कुछ नही जानती थी कौन है,कहाँ से है।उसने क्यों इन दोनों को किडनैप किया ...Read Moreउस समय मेरे मन मे बहुत सी उलझने चल रही थी। डर भी लग रहा था मुझे।लेकिन बस इंसानियत की खातिर हिम्मत कर वहां रुकी हुई थी।हॉस्टल के नियम कायदे उस समय मेरे दिमाग से निकल चुके थे बस याद था तो केवल उन दोनों की मदद कर किसी तरह उनको बचाना।मैने चारो ओर चौकन्नी दृष्टि से देखा।उनके आसपास कोई
अमर पूरे दो दिन बाद कोलेज आता है।वहीं मुझे भी बेसब्री से इंतजार होता है अमर के कोलेज आने का।उसे देख मेरे मुरझाए चेहरे पर रौनक खुद ब खुद लौट आती है।अमर को देख मै उसकी तरफ अपने कदम ...Read Moreदेती हूं और अमर के पास पहुंच जाती हूं।उस पल मेरे लिए वक़्त मानो रुक सा गया हो। इन दो दिनों में आंखे तरस गई थी उसे देखने के लिए।उसे देख कर मेरी आंखे खुशी से बरस पड़ती हे।अमर बस मुस्कुराते हुए मेरे चेहरे की तरफ ही देखता जा रहा था।और मै अपने आंसुओ के जरिए उससे मौन रहकर बाते
उस दिन सिकंदरा में अमर और मेरे दोनों के साथ में फोटोज क्लिक कर लिए जाते हैं।हम दोनों ही इस बात से अनजान होते है कि हमारे सामने हूं ऐसा कुछ भी हो रहा है।रश्मि भी हमारे पास आ ...Read Moreहै और हम सब पूरे मकबरे का राउंड लगाने निकल पड़ते हैं हम तीनो खूब एंजॉय करते है।वहां से वापस आते हुए हम पानी पुरी और आइस क्रीम दोनो का ही स्वाद लेते हैं।तथा तीनो गुरु का ताल जाने का डिसाइड कर ऑटो से निकल आते हैं।बातो ही बातो में ऑटो गुरु का ताल से थोड़ा आगे निकल आता है
कृति जो नीचे रसोई में होती है मुझे फर्श पर गिरते हुए देख जोर से कहती है नियति दी बेहोश होकर गिर गई है। मां पापा।दादी देखिए न जीजी को क्या हो गया। कह दौड़ते हुए मेरे पास आती ...Read Moreऔर मुझे उठाने की कोशिश करती है। मां पापा दादी दादाजी सभी आ जाते है।पापा मुझे गोद में उठा कर हॉल में पड़े सोफे पर लिटा देते हैं।वहीं दादी मेरे चेहरे की तरफ देख चौंकते हुए कहती है जा छोरी को चेहरा तो देखो कितनो पिलो पड़ रह्यो है।एसो तो पहले कबहुँ देखो नही।और आज कछु ज्यादा ही पीलो लग
मै अक्षत के साथ राघव के यहां पहुंचती हूं।अक्षत राघव से बात करता है।मैंने अक्षत और राघव के सामने एक शर्त रखी कि मै यहां रहूंगी लेकिन रेंट पर।पहले तो अक्षत मना करता है लेकिन मेरे थोड़े से जोर ...Read Moreपर मान जाता है और मै राघव के यहां रहने लगती हूं। मै एनजीओ वाली मैम को कॉल कर न आने के बारे में बता देती हूं। राघव - अच्छा लगा आपको यहां देख कर।आप चिंता मत कीजिए हम सब दोस्त आपके साथ है। मै - राघव चिंता की तो बात ही है, मुझे लाइफ में आगे बढ़ना है कुछ
अपनी परफॉर्मेंस खत्म कर मै वहीं बैठ जाती हूं।फिर कुछ क्षण बाद उठकर मै खड़ी हो कर अपनी अगली परफॉर्मन्स शुरू करती हूं।जो कि एक स्लो मोशन सांग होता है।कुछ ही मिनट बाद मेरी परफॉर्मन्स खत्म हो जाती है ...Read Moreअपने मार्क्स का इंतजार करने लगती हूं। जजेज़ को मेरी परफॉर्मन्स काफी पसंद आई होती है।जिसके लिए ऑडियंस तथा जजेज़ सभी क्लैपिंग करते हैं। मुझे मार्क्स भी दे दिए जाते हैं।मैं खुशी खुशी स्टेज से नीचे आ जाती हूँ।जहाँ राघव रोमा और भी अन्य कंटेस्टेंट बैठे हुए होते हैं। राघव - निया तुम्हारी परफॉर्मन्स काफी अच्छी रही।वैसे एक बात बताओ
गार्ड कार्ड देख अंदर आफिस रिसेप्शन में कॉल करता है और कॉल कर पूछता है कि दो लोग आफिस के बाहर खड़े हुए है उनका कहना है कि वो कम्पनी ने को प्रतियोगिता स्पॉन्सर की वहीं से आए है। ...Read Moreappointment तो लिया नहीं है लेकिन उन्हें यहां बुलाया गया है इसीलिए आए है। निया कपूर और राघव यही नाम बता रहे है।रिसेप्शनिस्ट उससे अंदर जाने के लिए कहती है। तथा गार्ड फोन पर ठीक है मैडम जी मै उन दोनों से अंदर जाने के लिए कह देता हूं। हम दोनों ही अंदर पहुंचते है और वहां जाकर रिसेप्शन पर