अनकहा अहसास - अध्याय - 20

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अध्याय - 20ओह !!! आप ???मधु की माँ मिसेस अनीता सामने खड़ी थी। क्या मैं अंदर आ सकती हूँ ? मिसेस अनीता ने कहा।हाँ आईए। रमा नहीं गेट को और खोलते हुए कहा।मसेस अनीता अंदर आ गई।बैठिए। मैं दो मिनट आती हूँ। कहकर वो गैलरी का लाईट चालू करने चली गई।मिसेस अनीता सोफे पर बैठकर पूरे घर को देखने लगी कही पर भी अनुज का कोई फोटो नजर नहीं आया।रमा गैलरी का लाईट जलाने की कोशिश की पर वो जला नहीं तो थक हारकर वापस लौट गई। अंदर आई तो देखा मिसेस अनीता आराम से सोफे पर बैठी हुई हैं।क्या तुम यहाँ