नियति... - 9

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कृति जो नीचे रसोई में होती है मुझे फर्श पर गिरते हुए देख जोर से कहती है नियति दी बेहोश होकर गिर गई है। मां पापा।दादी देखिए न जीजी को क्या हो गया। कह दौड़ते हुए मेरे पास आती है और मुझे उठाने की कोशिश करती है। मां पापा दादी दादाजी सभी आ जाते है।पापा मुझे गोद में उठा कर हॉल में पड़े सोफे पर लिटा देते हैं।वहीं दादी मेरे चेहरे की तरफ देख चौंकते हुए कहती है जा छोरी को चेहरा तो देखो कितनो पिलो पड़ रह्यो है।एसो तो पहले कबहुँ देखो नही।और आज कछु ज्यादा ही पीलो लग