360 डिग्री वाला प्रेम - 41

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४१. कुछ उदासी… थोड़ी ख़ुशी और यूँ ही यह दिन भी बीत गया. अनुभव सिंह सहारनपुर के लिए वापिस लौट चले, बिना किसी नतीजे के. संबंधों की कटुता राजेश सिंह के परिवार की ओर से थोड़ा अधिक थी पर कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या रुख अपनाया जाए. दोनों ओर कुछ अलिखित सीमाओं का निर्धारण हो चुका था. उन सीमाओं को राजेश लांघना नहीं चाहते थे, और अनुभव सिंह की लांघने की हिम्मत नहीं थी… कहीं कोई गलत सन्देश न चला जाए शायद, मात्र इसलिए. दिन बीतते रहे, पर सम्बन्धों की उष्णता का ह्रास होता गया. आरिणी