चुनिंदा लघुकथाएँ - भाग 2 - 3

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11 " काम भला, परिणाम...? "   रमणीक अपनी कार से पटियाला जाने के लिये घर से निकला। हाईवे पर थोड़ी दूर ही गया था कि सामने कई गाड़ियाँ रुकी हुई दिखायी दीं। सोचने लगा, कहीं कोई एक्सीडेंट न हो गया हो! कुछ ही क्षणों में सड़क के बीचों-बीच खड़े तीन-चार युवक हाथ हिला-हिला कर कार को रोकने का आग्रह करते दिखायी दिये। इतने में रमणीक की नज़र सड़क के किनारे लगे शामियाने पर जा पड़ी, जिसके नीचे तीन-चार टेबलों पर हलवे का प्रसाद और चाय का सामान रखा हुआ था। बहुत-से उत्साही नौजवान प्लास्टिक के दौनों में हलवा और