कर्ण पिशाचिनी - 5

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भाग - अंतिमदेखते ही देखते शनिवार आ गया । उधर शुक्रवार से ही गोपालेश्वर अपने काम में व्यस्त है । यज्ञ कुंड बनाया जा रहा है और इस बार वह पंचमुंडी के आसन पर साधना करना चाहता है । उपर्युक्त पेड़ के नीचे पंचमुंडी का आसन बनाया जा रहा है । इसमें लगने वाले पांच सिर शनिवार शाम तक जुगाड़ हो जाएंगे । नाग , बंदर , सियार , चंडाल और अकाल मृत्यु से मरे किसी मनुष्य का सिर , इन पांच कटे सिर की जरूरत होगी ।