Karn Pishachini book and story is written by Rahul Haldhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karn Pishachini is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कर्ण पिशाचिनी - Novels
by Rahul Haldhar
in
Hindi Horror Stories
क्योंकि मेरी तरह आप भी हिंदी भाषी राज्य में रहते हो तो कहानी में जिस जगह का उल्लेख किया गया है वह आपको पता नही होगा । जगह का नाम बोलपुर है जो बंगाल के बीरभूम जिले में उपस्थित हैं । यह जगह ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय और 51 शक्तिपीठों में से एक देवी कंकालेश्वरी /कंकालीतला देवी के लिए प्रसिद्ध है जो कोपाई नदी के किनारे कंकालीतला नामक गाँव में उपस्थित है । यह मंदिर तांत्रिक व कापालिकों का बहुत प्रिय स्थान है क्योंकि यहाँ देवी काली की मूर्ति जागृत बताई जाती है ।
क्योंकि मेरी तरह आप भी हिंदी भाषी राज्य में रहते हो तो कहानी में जिस जगह का उल्लेख किया गया है वह आपको पता नही होगा । जगह का नाम बोलपुर है जो बंगाल के बीरभूम जिले में उपस्थित ...Read More। यह जगह ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय और 51 शक्तिपीठों में से एक देवी कंकालेश्वरी /कंकालीतला देवी के लिए प्रसिद्ध है जो कोपाई नदी के किनारे कंकालीतला नामक गाँव में उपस्थित है । यह मंदिर तांत्रिक व कापालिकों का बहुत प्रिय स्थान है क्योंकि यहाँ देवी काली की मूर्ति जागृत बताई जाती है । ------------------------------------------------ यह कहानी इस
भाग - 2विजयकांत को जब होश आया तब उसने देखा कि वो एक घर के आँगन में लेटा हुआ है । चारों तरफ बहुत सारे जिज्ञासु चेहरे उसे ही देख रहे थे । विजयकांत को होश आते ही वह ...Read Moreआपस में बात करने लगे । " पंडित जी होश आ गया । " इसके बाद जो बूढ़ा ब्राह्मण पास आकर उसके नाड़ी को जांच करने लगे , उन्हें देखकर विजयकांत आश्चर्य में पड़ गया । क्योंकि यही वो आदमी है जिसके घर विजयकांत आ रहा था
भाग - 3गोपालेश्वर की बात बाद में करते हैं । पहले एक और कहानी को पढ़ लेते हैं ।वर्धमान का सोनपुर गांव , पिछले कुछ दिनों से यहां पर एक रहस्य की उत्पत्ति हुई है ।यह माघ महीना ( ...Read More- फ़रवरी ) है । जमींदार हरिश्चंद्र की एकमात्र लड़की दीपिका दोपहर का भोजन समाप्त कर , नौकरानी की लड़की माला को साथ लेकर छत पर धूप सेंकने गई थी । सोनपुर एक समृद्ध व धनी गांव है । जमींदार के पास पैसों का भंडार है ।
भाग - 4 अगले दिन शाम को यज्ञ - हवन शुरु हुआ । दीपिका एक कमरे के अंदर बंद थी । गुरुदेव ने अपना और दीपिका की देह - बंधन कर रखा है । शाम जितना बढ़ता गया चारों ...Read Moreहवा की गति भी उतनी ही बढ़ती गई । हवा की वजह से आसपास के पेड़ों की शाखाएं टूटने लगी । इधर दीपिका भी कमरे के अंदर छटपटाने लगी । घर के चारों तरफ 3 दिया जलाया गया है । गुरुदेव अपने गंभीर आवाज में मंत्र को पढ़ते जा
भाग - अंतिमदेखते ही देखते शनिवार आ गया । उधर शुक्रवार से ही गोपालेश्वर अपने काम में व्यस्त है । यज्ञ कुंड बनाया जा रहा है और इस बार वह पंचमुंडी के आसन पर साधना करना चाहता है । ...Read Moreपेड़ के नीचे पंचमुंडी का आसन बनाया जा रहा है । इसमें लगने वाले पांच सिर शनिवार शाम तक जुगाड़ हो जाएंगे । नाग , बंदर , सियार , चंडाल और अकाल मृत्यु से मरे किसी मनुष्य का सिर , इन पांच कटे सिर की जरूरत होगी ।