अर्पण--भाग (१०)

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राजहंसिनी जी जान से देवनन्दिनी की सालगिरह की तैयारियों में जुट गई,उसने कमलकान्त और कमल किशोर को टेलीफोन करके घर बुलाया,उन दोनों के आने पर उसने कहा कि आप दोनों को मेरी मदद करनी होगी, सालगिरह की पार्टी इतनी शानदार हो कि सारा शहर याद रखें___ जी, हमारी खातिर जो भी हुक्म है आप फरमाइए,हम से जो बन पड़ेगा आपकी मदद जरूर करेंगें, कमल किशोर बोला।। जी !मैं आपसे ऐसी ही उम्मीद रखती हूं,राजहंसिनी बोली।। जोर शोर से सभी सालगिरह की तैयारियों में जुट गए , चूंकि आज और कल का दिन शेष था तैयारी कर लिए इसलिए समय कम