विसर्जन - 1

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ये कहानी समर्पित है उन सभी लोगों को जो ईश्वर में आस्था रखते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन साथ साथ ही जाने अंजाने कुछ ऐसा भी करते हैं जिससे हमारे धर्म के साथ साथ कर्म की भी हानि होती है ।ये कहानी सिर्फ एक कोशिश है ऐसे लोगों को जगाने की जो पुण्य समझकर दरसल पाप कर बैठते हैं ।“ पागल... पागल... पागल...” यह कहते हुए क्लास के सभी बच्चे ताली बजाने लगे और भोले भाले टीटू को चिढाने लगे, टीटू उन सभी से परेशान होकर बोला “ मैं पागल नहीं हूं... मैं पागल नहीं हूं...” और कहते हुए क्लास