Visarjan book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Visarjan is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
विसर्जन - Novels
by Sarvesh Saxena
in
Hindi Motivational Stories
ये कहानी समर्पित है उन सभी लोगों को जो ईश्वर में आस्था रखते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन साथ साथ ही जाने अंजाने कुछ ऐसा भी करते हैं जिससे हमारे धर्म के साथ साथ कर्म की भी हानि होती है ।
ये कहानी सिर्फ एक कोशिश है ऐसे लोगों को जगाने की जो पुण्य समझकर दरसल पाप कर बैठते हैं ।
“ पागल... पागल... पागल...” यह कहते हुए क्लास के सभी बच्चे ताली बजाने लगे और भोले भाले टीटू को चिढाने लगे, टीटू उन सभी से परेशान होकर बोला “ मैं पागल नहीं हूं... मैं पागल नहीं हूं...” और कहते हुए क्लास से बाहर जाने लगा कि तभी छुट्टी होने की बेल बज गई और सारे बच्चे उसको धक्का देते हुए क्लास से बाहर चले गए ।
ये कहानी समर्पित है उन सभी लोगों को जो ईश्वर में आस्था रखते हैं, उन्हें पूजते हैं, लेकिन साथ साथ ही जाने अंजाने कुछ ऐसा भी करते हैं जिससे हमारे धर्म के साथ साथ कर्म की भी हानि होती ...Read More।ये कहानी सिर्फ एक कोशिश है ऐसे लोगों को जगाने की जो पुण्य समझकर दरसल पाप कर बैठते हैं ।“ पागल... पागल... पागल...” यह कहते हुए क्लास के सभी बच्चे ताली बजाने लगे और भोले भाले टीटू को चिढाने लगे, टीटू उन सभी से परेशान होकर बोला “ मैं पागल नहीं हूं... मैं पागल नहीं हूं...” और कहते हुए क्लास
इस पर गौरव ने उस छोटी मूर्ति की तरफ देखा तो बोला “ लेकिन बेटा.. वह तो बहुत छोटी मूर्ति है और दिखने में भी इतनी अच्छी नहीं लग रही, हम ये सुन्दर और बडे वाले गणपति ले ...Read More। इतने में दुकानदार बोला “ अरे बेटा देखो... सब इन गणपति को देखकर खुश हो जाएंगे और कहेंगे इतनी बड़ी और इतनी सुंदर मूर्ति वाह....वो वाली तो छोटी सी मूर्ति है और वह भी मिट्टी की, इसकी कोई तारीफ नहीं करेगा और फेसबूक और व्हाट्सप पर कोई लाइक भी नही करेगा ” । दोनों ने टीटू को बहुत मनाया पर टीटू फिर
टीटू जैसे ही समुंदर किनारे आया तो वहां का हाल देख कर डर गया । समुंदर किनारे हजारों की भीड़ थी । छोटे – बड़े, लंबे - चौड़े हर तरह के गणपति की मूर्ति को लेकर लोग समंदर में ...Read Moreरहे थे लेकिन यह क्या ..??? भीड़ के पैरों के नीचे जब टीटू ने देखा तो कई सारी मूर्तियों के अवशेष पड़े हुए थे, वो यह देख कर हैरान हो गया और दौड़ कर भीड़ में घुस कर उन टूटे हुए मूर्ति के अवशेषों को उठाने लगा कि तभी भीड़ उस पर हावी होती हुई दिखी तो वो अपनी जान
टीटू ने सिसकते हुए कहा “ लेकिन पापा .... मैं तब तक खड़ा रहूंगा जब तक मैं देख नहीं लेता” । इस पर गौरव ने हंसते हुए कहा “ ठीक है बेटा..” । यह कहकर सारे लोग घर से ...Read Moreविसर्जन के लिए चल दिए लेकिन जब टीटू समंदर किनारे आया तो वह घबरा गया क्योंकि जो उसने सपना देखा था वह उसकी आंखों के आगे सच होता हुआ दिख रहा था । वह फिर जोर जोर से रोने लगा । गौरव और रेनू को अपने इस बेटे की करतूत पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उन्हें लग रहा था कि
यह कहते हुए टीटू जोर जोर से रोने लगा और सब उनकी बात से हैरान थे सब को ऐसा लग रहा था जैसे सब ने एक बड़ा पाप किया है तभी पुलिस वाले ने माइक को अपने हाथों में ...Read Moreकहा “ हम सब लोग झूठे दिखावे में इतना ज्यादा खो गए थे कि हमने आज तक इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया, जो विघ्नहर्ता हमारे भगवान गणेश जी हैं उनको हम इस हालत में कैसे छोड़कर जा सकते हैं, इस बच्चे ने आज हम सभी की आंखें खोल दीं, इसे दुनिया भर की बातें नहीं पता है लेकिन