पवित्र प्रेम (भाग1)

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हुमायूं ने आगे बढ़कर आलम खान का स्वागत किया।आदर और सम्मान के साथ उसने आलम खान को राजमहल में पहुंचा दिया।उसके बाद हुमायूं हाथियों के झुंड की तरफ बढ़ गया।उन हाथियों पर आलम खान के हरम की औरतें सवार थी।इन औरतो को ठहराने के लिए राज महल में अलग व्यवस्था की गई थी।हुमायूं कुछ दूर हटकर खड़ा हो गया।गुलाम औरतो और बांदियों ने कपड़े के पर्दे की आड़ खड़ी कर दी।इस आड़ में हाथियों से एक एक औरते उतारकर राजमहल में पहुंचायी जाने लगी।सबसे आखिर में एक युवती उतरी।वह हाथी से उतरकर ज्यों ही नीचे आयी त्यों ही हवा का