मुझे तुम याद आए--भाग(१२)

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और उधर सेठ रामलाल जी ने बाबा शंखनाद के स्वागत- सत्कार का काम पुरोहित जी को सौपते हुए कहा..... पुरोहित जी! बाबा शंखनाद का ख़ास ख्याल रखिएगा,किसी भी चीज की कमी ना होने पाएं,मैने अपनी पुरानी महाराजिन से उनके खाने-पीने का प्रबन्ध करने को कह दिया है,वें ही उन सबके लिए शुद्ध एवं सात्विक भोजन बनाआ करेंगी,बूढी है बेचारी,मै ने कहा तो मान गई,बोली धरम-पुन्न का काम है,कैसे मना करती हूँ,इसी बहाने अगला जनम सुधर जाएगा।। ये बिल्कुल सही किया आपने सेठ जी! खाने पीने का इंतज़ाम करवा कर ,मेरे घर पर भी लहसुन-प्याज का प्रयोग होता है,कहीं