तेरी कुर्बत में - (भाग-10)

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दोनों उसी पुरानी जगह पर बैठ गए । बैठते ही बिना समय जाया किए संचिता ने सवाल पूछा । संचिता - अब बताओ ऋषि , क्यों चुप हो , क्यों इग्नोर कर चले जा रहे थे तुम??? ऋषि अब सोचने लगा , "सच कहूं या झूठ । अगर सच कहा , तो यह मेरी बात को समझ पाएगी या नहीं , कहीं मुझे गलत तो नहीं समझ लेगी? और अगर कहीं फिर रोने लगी तो !!??? या परेशान हो गई तो ?? " । संचिता ने दोबारा सवाल दोहराया , तो उसने झूठ ही कह दिया । ऋषि - कुछ