Teri Kurbat me book and story is written by ARUANDHATEE GARG मीठी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Teri Kurbat me is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तेरी कुर्बत में - Novels
by ARUANDHATEE GARG मीठी
in
Hindi Love Stories
संचिता जो कि 12थ क्लास में पढ़ने वाली लड़की है । छुट्टी की असमेंबली में खड़ी , एक लड़के को देख रही थी । असेंबली खत्म होते ही , वो उस लड़के के पास आई , जो लगभग नींद में चल रहा था । वो उसी की क्लास का लड़का था , लेकिन वो बी सेक्शन में था और संचिता ए सेक्शन में । लड़का किसी तरह भारी कदमों से चलते हुए गेट तक आया , पर उसका पैर अपने ही पैर में उलझ गया और वह गिरने को हुआ , कि उसी के पास आ रही संचिता ने उसे भाग कर पकड़ लिया और गिरने से बचा लिया । लड़का अधखुली आंखों से उसे देखने लगा और खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाते हुए बोला ।
लड़का - प्लीज लीव मी । आई विल मैनेज ।
संचिता - ऋषि ....., ऐसे कैसे मैं तुम्हें छोड़ दूं?? तुम ठीक से चल भी नही पा रहे हो ।
संचिता जो कि 12थ क्लास में पढ़ने वाली लड़की है । छुट्टी की असमेंबली में खड़ी , एक लड़के को देख रही थी । असेंबली खत्म होते ही , वो उस लड़के के पास आई , जो लगभग नींद ...Read Moreचल रहा था । वो उसी की क्लास का लड़का था , लेकिन वो बी सेक्शन में था और संचिता ए सेक्शन में । लड़का किसी तरह भारी कदमों से चलते हुए गेट तक आया , पर उसका पैर अपने ही पैर में उलझ गया और वह गिरने को हुआ , कि उसी के पास आ रही संचिता ने उसे
दो दिन बीत चुके थे , लेकिन ऋषि स्कूल नहीं आया था । थे तो दोनों ही एक सब्जेक्ट के , मैथ्स ( साइंस ) । लेकिन दोनों की क्लास के साथ - साथ कोचिंग सेंटर भी अलग अलग ...Read More। ऋषि नोएडा शहर के जाने माने जज बृज चौहान का बेटा था । मां शालिनी चौहान , प्रदेश की जानी मानी वकील थी । घर के बाकी सदस्य भी , ऐसे ही बड़े बड़े आधिकारिक पदों पर थे , जैसे बड़े इंजीनियर , बड़े डॉक्टर , आईपीएस , आईएएस । बस ऋषि की बड़ी बहन ही थी , जो
असेंबली में संचिता का अजीब सा बिहेव देखकर , ऋषि हैरत में पड़ गया था । वह अपनी क्लास में आया , और जब तक टीचर नही आए , तब तक यही सोचता रहा , कि "आखिर संचिता को ...Read Moreक्या था?? मुस्कुराना तो ठीक था...., लेकिन फिर उसके बाद उसका अजीब तरह से बिहेव करना ....., कुछ समझ नही आया । क्या हो गया है इस लड़की को???" टीचर क्लास में आ गए , तो ऋषि ने अपना सिर झटक दिया , ये सोचकर कि "कैसा भी बिहेव करे वो , मुझे उससे क्या..!!!!" यहां क्लास में आने के
संचिता घर आ चुकी थी। लेकिन मैडम का वो खोया हुआ सा दिल , अभी तक वापस अपनी जगह पर नहीं आया था । शाम को चाय और कुछ स्नेक्स खाने के बाद संचिता अपनी पढ़ाई करने के लिए ...Read Moreगई । घर में जितनी लड़की थी , उतने काम बंटे हुए थे । संचिता सुबह नाश्ता और सबका टिफिन बनाती थी , तो वहीं बाकी की दो बहनें शाम की चाय नाश्ता से शुरू होकर रात के खाने तक का जिम्मा लिए हुएं थी । दोपहर में तीनों बाहर रहती थी , इस लिए दोपहर का काम वगेरह संचिता
अगले दिन स्कूल में लंच के टाइम संचिता अपनी नोटबुक लिए नोट्स बना रही थी । आज उसे उठने में देरी हो गई थी , इस लिए वह टिफिन तैयार नहीं कर पाई , जिसकी वजह से उसे घर ...Read Moreही मौसी से डांट पड़ेगी , ये बात वह जानती थी । बाकी की दोनों बहने अपने कामों में बिजी थी , इस लिए वे नही बना पाईं , इस लिए संचिता की तरह ही बाकी दोनों भी आज बिना टिफिन के ही स्कूल आ गईं थी । संचिता को कई बार उसकी फ्रेंड्स उनके साथ लंच करने के लिए