तेरी कुर्बत में - (भाग-12)

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उस दिन के बाद से ऋषि और संचिता के बीच दोस्ती गहरी होती गई । संचिता तो थी ही बातूनी और हंसने मुस्कुराने वाली लड़की , तो उसने अपने इसी स्वभाव के चलते ऋषि को भी हंसना मुस्कुराना सिखा दिया था । ऋषि बाकियों के साथ कभी नहीं हंसता था और न ही ज्यादा खुश रहता था , लेकिन संचिता की बातें उसे हंसने पर मजबूर कर देती थीं, वह उसके साथ बेहद खुश रहता था। सेमेस्टर एग्जाम का रिजल्ट आ चुका था , संचिता हमेशा की तरह फर्स्ट आई थी पूरी 12th क्लास में और ऋषि उससे एक नंबर