कौन है ख़लनायक - भाग २

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लेकिन रुपाली चुपचाप बैठे उसे देखती ही जा रही थी। उसके बाद प्रियांशु पीछे खाली सीट पर जाकर बैठ गया। कुछ लड़के उसके पास गए और बात करने लगे। दोस्ती करने में भी वह कभी देरी नहीं करता था। कुछ ही दिनों में उसके काफी दोस्त भी बन गए। रुपाली तो पहली नज़र में ही उसे अपना दिल दे बैठी थी। किंतु प्रियांशु लड़कियों में कोई ख़ास रुचि नहीं दिखाता था। एक से एक सुंदर लड़कियों को देखकर भी वह उनसे बात करने की कभी पहल नहीं करता था। रुपाली चोरी-छिपे तिरछी निगाहों से उसे देख लिया करती थी।