रुपये, पद और बलि - 10

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अध्याय 10 "जोसेफ ! अभी तुम कहां से बोल रहे हो बताया ?" घबराए हुए आवाज से कौशल राम ने पूछा- जोसेफ दूसरी तरफ से बोला। "सर अमनंजीकरें टेलिफन बूथ से बोल रहा हूं।" "कौन सी जगह ?" "परनीअप्पा थिएटर के पास से।" "ठीक है, तुम टेलीफोन बूथ में ही रहो। सुधाकर को कार से भेजता हूं।" "सर, मुझे डर लग रहा है।" "डरो मत ! कोई भी तुम्हें कुछ नहीं कर सकता" कह कर कौशल राम ने रिसीवर को रख वहीं से अपने बेटे को आवाज दी। "सुधाकर !" "क्या बात है अप्पा ?" "जोसफ को पहचान लिया गया