Rupaye, Pad aur Bali book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rupaye, Pad aur Bali is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रुपये, पद और बलि - Novels
by S Bhagyam Sharma
in
Hindi Detective stories
राजेश कुमार के तमिल उपन्यास रुपया, पद और बलि का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह एक जासूसी और जुर्म की कहानी है। इसमें तुच्छ राजनीति में पड़ कर किसी के प्राणों को लेने में भी नहीं हिचकते । राजनीति में लोग पैसा कमाने के लिए ही आते हैं। न केवल पैसा पद पाने के लिए भी किसी की बलि चढ़ा देते हैं। राजनीति में रुपया, पद और बलि इसी की प्रमुखता है। यह बहुत ओछी राजनीति है। हत्या जुर्म की जासूसी कहानी आपको अच्छी लगेगी। आगे आप पढ़कर जानिए।
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बहुत सारे गुलाब की मालाओं से लदे गर्दन के दर्द को सहन करते हुए-नकली दांत के सेट को दिखाते हुए माणिकराज एक सुंदर हंसी हंसे। उनके चारों तरफ फ्लैश कैमरा चमक रहे थे- वे चमक-चमक कर बंद हो गए। पास खड़े हुए राजनीतिक अनुयायियों से वे बोले "वोट की गिनती अभी भी हो रही है। अभी से आपने मुझे मालाओं से लाद दिया।"
"क्या साहब.... अभी भी आपको संशय है ? पचास हजार वोटों से आप आगे हैं । अभी सिर्फ आठ बूथ के वोट गिनने बाकी हैं। उनके पूरे वोट यदि विरोधी पार्टी को मिल जाए तो भी आप नहीं हारोगे। धैर्य के साथ मुस्कुराइए, फोटो में अच्छा पोस दीजिए मुखिया जी..."
मूल लेखक राजेश कुमार सारांश राजेश कुमार के तमिल उपन्यास रुपया, पद और बलि का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह एक जासूसी और जुर्म की कहानी है। इसमें तुच्छ राजनीति में पड़ कर किसी के प्राणों ...Read Moreलेने में भी नहीं हिचकते । राजनीति में लोग पैसा कमाने के लिए ही आते हैं। न केवल पैसा पद पाने के लिए भी किसी की बलि चढ़ा देते हैं। राजनीति में रुपया, पद और बलि इसी की प्रमुखता है। यह बहुत ओछी राजनीति है। हत्या जुर्म की जासूसी कहानी आपको अच्छी लगेगी। आगे आप पढ़कर जानिए। रुपये, पद
अध्याय 2 माणिकराज के मन में डर से घबराहट होने लगी। उनके माथे पर पसीने की बूंदे छलक आई। कंधे पर पड़े हुए तौलिए से पसीने को जल्दी-जल्दी पोंछा और 'परमानंद' को आवाज लगाई। "सर..." "एक गिलास ठंडा बरफ ...Read Moreपानी लेकर आओ..." परमानंद ने वाटर कूलर से एक गिलास पानी भरकर लाकर दिया। खाली गिलास को वापस देकर फिर पसीना पोछने लगे। परमानंद ने पूछा "सर आप क्यों परेशान लग रहे हो।" "छी... इस पत्र को पढ़ कर देख।" पढ़ कर देख कर परमानंद को आश्चर्य हुआ। "क्या है सर... ऐसा लिखा है ? पुलिस को फोन करके बता
अध्याय 3 बात मालूम होने पर पुलिस की खाकी यूनिफॉर्म स्टेशन के प्लेटफार्म के चारों ओर जमा हो गई। गुलाब की पंखुड़ियां चारों तरफ बिखरी हुई थी माणिकराज के चारों तरफ मक्खियां भिन्न-भीना रही थी। उनके स्वागत करने आए ...Read Moreकुछ दूर पर खड़े होकर तमाशा देख रहे थे। पार्टी के मुख्य कार्यकर्ता चार-पांच लोग सिर्फ फिक्र के साथ खड़े हुए थे | इंस्पेक्टर उनके पास आए। "किस ने चाकू मारा पता चला...?" "पता नहीं चला इंस्पेक्टर। भीड़ का फायदा उठाकर उसने ऐसा किया। "पास में कौन-कौन खड़े थे ?" "मालूम नहीं।" "तुम लोग कौन हो ?" "हम इस पार्टी
अध्याय 4 ऑटो ड्राइवर इंस्पेक्टर को देखते ही भव्यता से खड़े हुए। इंस्पेक्टर ने पूछा "कितनी देर से.... यहां खड़े हो?" "आधे घंटे से खड़े हैं सर ?" "15 मिनट पहले इस तरफ से कोई भागकर आया क्या ?" ...Read Moreकैसा था बता सकते हैं क्या सर ?" "कॉलेज के लड़कों जैसे दिख रहा था, आंखों में धूप का चश्मा लगाया हुआ था।" एक ऑटो ड्राइवर ने आश्चर्य से चिल्लाया। "अरे.... वह अपने गोविंद के गाड़ी में बैठ कर गया था ना। चौखाने वाला शर्ट पहना था वही है ना ?" पोर्टर मारीमुथु ने सिर हिलाया "हां.. हां... वही वहीं
अध्याय 5 रामभद्रन पसीने से तरबतर होते हुए उस लिफाफे को खोला। उसमें से एक लंबा लेटर टाइप किया हुआ निकला। वे पढ़ने लगे। 'एक हफ्ते में मुख्यमंत्री बनने वाले रामभद्रन को मेरा नमस्कार ! तमिलनाडु में कोई भी ...Read Moreपार्टी जीतकर आती है - तो वहां की जनता के लिए अच्छा काम करेंगे ऐसा उनसे अपेक्षा करते हैं यह साधारण सी बात है। इस बार आप जीत कर आए हो।' तमिलनाडु की जनता की तरफ से मैं जो मांग कर रहा हूं आप अच्छे काम करिएगा। भ्रष्टाचारियों को मंत्री पद मत दीजिएगा । माणिकराज के बारे में आपको मालूम