ईश्क ए दास (देवदास)

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वही है उम्मीद, वही मेरे सुकून सा है,मेरे सनम का शहर, एक खौफनाक समंदरसा हैं।लफ्ज़ निकलेंगे सिर्फ तेरी ही तारीफ ए मोहब्बत के,हमारे लिए तो ईश्क ही करम ईश्क ही कुसुर सा है। सर्दी की एक सुबह मैंने राजस्थान से दिल्ली के लिए बस पकड़ी। कल रात ही अपनी एक खास सहेली को विदा करके मैं आज दिल्ली जा रही थी। मैंने अपनी टूर पहले से ही सेट कर रखी थी। राजस्थानमे दोस्त की शादी, फिर अगली सुबह दिल्ली के लिए निकलना, दिल्ली का पंद्रह दिनोका टूर और फिर दिल्लीसे ट्रेनमे वापस अपने घर