राजस्थान की लोक संस्कृति :एक विहंगम द्रष्टि

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राजस्थान की लोक संस्कृति :एक विहंगम द्रष्टि यशवंत कोठारी रंगीले राजस्थान के कई रंग हैंण् कहीं रेगिस्तानी बालू पसरी हुई है तो कही अरावली की पर्वत श्रंखलायें अपना सर ऊँचा कर के ख ड़ी हुई है ण्इस प्रदेश में शोर्य और बलिदान ही नहीं साहित्य और कला की भी अजस्र धारा बहती हैण्चित्र कलाओं ने भी मानव की चिंतन शैली को विकसित व् प्रभावित किया है ण्संस्कृति व् लोक संस्कृति के लिहाज़ से राजस्थान वैभवशाली प्रदेश हैंण्राजस्थान में साहित्य एसंस्कृति कला की त्रिवेणी बहती हैंए जीवन कठिन होने के कारण इन कलाओं ने मानव