एम. एल. ए. साहब

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व्यंग्य कथा एम. एल. ए. साहब  यशवन्त कोठारी जब भगवान देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और मनोहर के साथ भी यही हुआ। गांव भानपुर का मनोहर शरीर से हट्टा-कट्टा कद्दावर लड़का था। एक दिन स्कूल मं मास्टरजी से झगड़ा हो गया और उसने स्कूल न जाने का तय किया बाप रामकिशोर स्टेशन पर कुलीगिरी करता था और बेटा गांव में मारा-मारा फिरता था। लेकिन जब दिन फिरते हैं तो ऐसे फिरते हैं। जैसे मनोहर के दिन फिरे, सभी के फिरे। हुआ यूं कि मनोहर स्टेशन पर टहल रहा था कि देखा प्रथम श्रेणी