नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 39

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देव सिंघम, सिंघम मैंशन के ऑफिस रूम में बैठा डॉक्यूमेंट्स पढ़ रहा था। "देव"उसने ऊपर की तरफ देखा जब उसे उसके कंधे पर किसी के हाथ का स्पर्श हुआ। उसके सामने अभय सिंघम खड़ा था। "हां?""मैं कबसे तुम्हारा नाम पुकार रहा था, देव!""सॉरी! मैं बिज़ी था। मुझे यह कल तक भेजना है।"अभय ने गहरी सांस ली। "देव तुम धीरे धीरे अपने आप को मार रहे हो। मैं चाहता हूं की तुम एक ब्रेक लेलो कुछ वक्त के लिए।"देव ने एक पल अपने बड़े भाई अभय सिंघम को देखा और फिर हंसने लगा। उसकी बातें उसके कानो में चुभ सी रही