नफरत से बंधा हुआ प्यार? - Novels
by Poonam Sharma
in
Hindi Love Stories
वोह दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लड़ रहे। लड़ते हुए इस बात का भी ध्यान रख रहे थे की कही गुस्से और झगड़े की वजह से एक दूसरे को मार ही ना डाले। वह ये भी अच्छे से ...Read Moreथे की अगर उन दोनो में से किसी एक को भी कुछ हुआ तो कल होने वाली सिंघम और प्रजापति की शादी रुक जायेगी जो दोनो ही नहीं चाहते थे। कमरे में दोनो के ही चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थी लेकिन सन्नाटा तब हुआ जब उस लड़के यानी "देव सिंघम" ने मौका मिलते ही उस लड़की यानी "सबिता" को झटके से खीच कर बैड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आके उसके दोनो हाथ अपने एक
वोह दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लड़ रहे। लड़ते हुए इस बात का भी ध्यान रख रहे थे की कही गुस्से और झगड़े की वजह से एक दूसरे को मार ही ना डाले।वह ये भी अच्छे से जानते ...Read Moreकी अगर उन दोनो में से किसी एक को भी कुछ हुआ तो कल होने वाली सिंघम और प्रजापति की शादी रुक जायेगी जो दोनो ही नहीं चाहते थे। कमरे में दोनो के ही चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थी लेकिन सन्नाटा तब हुआ जब उस लड़के यानी "देव सिंघम" ने मौका मिलते ही उस लड़की यानी "सबिता" को झटके
इस कहानी की शुरुवात नफरत और खानदानी दुश्मनी से होती है अंजाम मोहब्बत पर। इस कहानी को बहुत बेहतरीन लेखिका ने लिखा है "MV Kasi" जिसे हाल ही में मैंने पढ़ा और उसके बाद लेखिका की में फैन हो ...Read Moreमुझे ये कहानी इतनी पसंद आई की सोचा इसे हिंदी में अनुवाद करके आप लोगों से भी साझा करूं। अगर आपने ये कहानी नही पढ़ी तो जरूर पढ़िएगा और अगर पढ़ ली है तो फिर एक बार और बढ़ सकते हैं।उनकी ये शानदार रचना "Bound by hatred: A billionaire romance" के नाम से है by "M.V. Kasi"Chapter 1देव सिंघम ने एक गहरी
सात साल बाद.......सबिता, प्रजापति मेंशन में, अपने दादाजी के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठ नाश्ता कर रही थी। ऐसा कभी कभी ही होता था जब वो अपने दादाजी के साथ कुछ वक्त बिता पाती थी। इसलिए वो कोशिश करती ...Read Moreउनके साथ कुछ घंटे बिता पाए। उसने यूहीं उन्हे राज्य और बिज़नेस में होती जनरल प्रोग्रेस और होने वाले इवेंट्स के बारे में बताया। "मुझे लगता है ये हम सब के लिए सही होगा, दादाजी," उसने प्यार से कहा।और हमेशा की तरह उन्होंने अपनी आंखों के इशारे से ही हां या ना में जवाब दिया जो की उनका बात करने
माहौल में तनाव महसूस करते हुए सबिता अपनी गाड़ी से उतर गई। अनिका प्रजापति और अभय सिंघम की शादी के बाद से कुछ सुधार हुआ था दोनो परिवारों के बीच संबंधों में। पर जब भी देव और सबिता एक ...Read Moreके सामने आते थे दोनो बस एक दूसरे पर आग ही बरसाते थे और उनके लोग भी तैयार रहते आगे होने वाले कदम के लिए। उसका मन तो कर रहा था की देव को अभी इसी वक्त गोली मार दे लेकिन अपने मन को बड़ी मुश्किल से शांत करवा के वोह देव के सामने चली गई।"सिंघम" उसने औपचारिक तौर पर
देव गुस्से में अपने ऑफिस में खड़ा था। उसका मन कर रहा था एक कुल्हाड़ी उठाए और जाके सबको काट डाले या फिर सुबह साढ़े नौ बजे ही स्कॉच की बॉटल को उठाये और फिर उसे तोड़ दे। वोह ...Read Moreगुस्सा शांत करना चाहता था ताकी कहीं सबिता का ही गला ना दबा दे।सबिता प्रजापति ने उसके अंदर एक ज्वाला को भड़का दिया था। वोह उसकी आवाज़ दीवार से साफ सुन पा रहा था जब वो अपने किसी आदमी से कुछ सवाल कर रही थी और वो आदमी उसे ज़ोर ज़ोर से वोह डॉक्यूमेंट्स पड़के सुना रहा था।अभय ने क्या
सबिता ध्यान से ध्रुव को डॉक्यूमेंट पढ़ते हुए सुन रही थी। "इससे हमें कोई परेशानी नहीं है" उसने कहा जब ध्रुव ने डॉक्यूमेंट पढ़ना खतम किया। "और इसमें एक बात और एड करदो की जब भी प्रजापतीस बिज़ी होंगे ...Read Moreस्थानीय मेले और उत्सवों में तब उस समय सिंघम ज्यादा लोगों से काम करवा सकता है ताकि काम न रुके, बिलकुल वैसे ही जैसे हम लोग करते हैं जब सिंघम्स बिज़ी होतें हैं उनके उत्सवों में।" ध्रुव ने सर हिला के हां कहा और दिए गए कैलेंडर में डेट्स मार्क्ड कर दी। जबकि देव ने कहा था ये डॉक्यूमेंट इतना
"हमे उसके बारे में पता चल गया है। उसका नाम 'सैमुअल मैथ्यू' है," लाउड स्पीकर पर बात करते हुए अभय सिंघम की आवाज़ आ रही थी दूसरी ओर से।"गुड! पर क्या ये पता चला की वोह कहां भागा था?" ...Read Moreने अपने बड़े भाई अभय से फोन पर बात करते हुए पूछा।"अभी नहीं! देव। पर हम जल्द ही पता लगा लेंगे।" अभय ने जवाब दिया। अभय और उसकी पत्नी अनिका अभी भी सैन फ्रांसिस्को में ही थे उस लापता आदमी का पता लगाने के लिए।"तुम्हे लगभग वहां दो हफ्ते हो चुके हैं अभय।" देव की आवाज़ में झुंझलाहट थी। "मुझसे अब
जैसे ही सबिता की एसयूवी साइट के सामने गेट पर रुकी, सबिता ने ध्रुव को अपना आखरी निर्देश सुनाते हुए कहा, "सभी सीनियर इंजीनियर्स और मैनेजर्स जिन्हे हमने रखा था उन सभी को मेन मीटिंग हॉल में इक्कठा करो। ...Read Moreउनकी ट्रेनिंग शुरू है उससे पहले मुझे उन सब से बात करनी है।" "यस, मैडम।" ध्रुव ने जवाब दिया। बीस मिनट बाद, सबिता गुस्सा होने लगी जब उसने ध्यान दिया की बीस मिनट हो जाने के बाद भी ध्रुव ने अभी तक उसे कॉल नही किया है की सब मीटिंग के लिए तैयार हैं और वो अब आ सकती हैं
इस वक्त रात के दो बज रहे थे। अभी तीन घंटे पहले ही देव सोया था और अब उसके जासूस जिसे देव ने रायडू के पीछे लगाया था उनमें से एक ने देव को फोन किया और घंटी की ...Read Moreसे देव की नींद खुल गई। फोन पर बात करने के बाद जब देव ने कॉल कट किया तो फिर उसने तुरंत अपने भाई अभय को कॉल लगा दिया।"तुमने सुना?" देव ने कॉल उठते के साथ ही पूछ दिया।"हां! अभी कॉल आई थी," अभय ने जवाब दिया।रायडू इंडिया आ गया था। इन्वेस्टिगेटिंग टीम पता कर रही थी की इंडिया आके
सबिता, एक लंबा दिन, साइट पर बिता कर घर लौटी थी। सुबह से ही देव ने एक के बाद एक मैनेजमेंट के लिए ट्रेनिंग रखी थी। ये सब होते होते काफी देर हो गई थी और अब सब थकने ...Read Moreथे। ऐसा लगभग दो हफ्तों से चल रहा था। देव सिंघम तो अभी भी साइट पर ही था नाइट शिफ्ट की देखरेख के लिए, ऐसा वो हमेशा ज्यादा तर हो करता था जबसे उसने काम शुरू किया था। देव या तो अपने आपको मार रहा था या अपने आस पास वालों को। इतना काम आखिर कौन करता है। सबिता को
"हमारे नन्हे जाबाज़ का दिल से स्वागत है!" "हमारी दुआ है की ये भी बाकी सिंघम जितना ही ताकतवर हो!" "मेरी भगवान से दुआ है आने वाला राजकुमार या राजकुमारी अपने ढेर सारी खुशियां लाए और पुराने जख्मों को ...Read Moreदे!" सब लोग अपना अपना आश्रीवाद दे रहे थे अनिका को। देव को ऐसा लगा जैसे एक ठंडी हवा का झोंका उसके शरीर को चीरते हुए गुजरा। उसने अपनी पलके झपकाई। फिर दुबारा झपकाई। पर कुछ फायदा नही हुआ। उसे कुछ पुराना हादसा याद आ गया, उसके आंखों के सामने बीते सालों में जो यहां उसके साथ घाटा था वो
"देव?" देव ने डॉक्यूमेंट्स से नज़रे हटा कर ऊपर सिर उठाया, जब उसने किसी जानी पहचानी सी किसी लड़की की आवाज़ सुनी। अनिका सिंघम, उसकी भाभी देव के सामने उसके घर में बने हुए ऑफिस में खड़ी थी। अनिका ...Read Moreगौर से देख रही थी लेकिन हमेशा की तरह उसके चेहरे पर को खुशी या हसी नही थी। "व्हाट्स अप, भाभी?" देव ने पूछा। धीरे धीरे अनिका के चेहरे पर मुस्कान आ गई। "देव, मुझे तुमसे कुछ जरूरी डिस्कस करना है, लेकिन में तुमसे खुद मिल कर ही बात करना चाहती थी।"देव ने तुरंत अपने डॉक्यूमेंट्स साइड में रख दिए और खड़ा हो गया
सबिता कंस्ट्रक्शन साइट पर खड़ी थी, काम कैसा चल रहा है यही निगरानी कर रही थी। उसका ध्यान बार बार उस फोन कॉल की ओर जा रहा था जो एक घंटे पहले आया था। एक और सुराग मिला था ...Read Moreएक एड्रेस जो किसी दूसरी सिटी का था। ये पहली बार नही था की किसी के घर का पता उसे मिला था अपने इन्वेस्टीगेटर से। हर बार वो उम्मीद करती की वोह इस जगह जरूर मिलेगा लेकिन निराशा ही हाथ लगती। इस बार भी उसने सोचा शायद ये एड्रेस इस बार भी गलत ही होगा लेकिन फिर भी दिल में
दरवाज़ा खुला और फिर बंद हो गया सामने खड़ा लंबा चौड़ा शख्स आगे बढ़ने लगा और सबिता के सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया। सबिता के सामने बैठा शख्स और कोई नही देव सिंघम था। सबिता उसकी इस ...Read Moreपर तिलमिला उठी। वोह पूछना चाहती थी की इस तरह उसके ऑफिस में घुसने की वजह लेकिन फिर उसने अपने आप को रोक लिया जब उसने उसके चेहरे की तरफ देखा तोह वोह समझ गई की देव इस वक्त काफी गुस्से में है। देव ने अपने हाथ को हथेली की साइड से ज़ोर से टेबल पर मारा तो टेबल पर रखा सामान
एक हफ्ता बीत गया। सबिता अपने ऑफिस में बैठी थी उसके सामने ध्रुव और कुछ लोग खड़े थे। सबिता उन्हे निर्देश देते हुए कोई काम समझा रही थी। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई। "कम इन," सबिता ने उसे बुलाया, ...Read Moreलग रहा था की देव सिंघम के आदमी है जो दूसरे डॉक्यूमेंट्स और जरूरी कागज़ लेकर आया होगा, बट उसका अंदाज़ा गलत था। यह तो अनिका है। सबिता पहले से ही जानती थी की अनिका और अभय वापिस इंडिया आ चुके हैं। उसकी बुआ नीलांबरी हर रात को उससे पूछती थी अनिका के बारे में, की उस ने कुछ बताया या नही। नीला,
"क्या कहा कहां गई थी तुम!" अभय ने पूछा। देव ने देखा आज अभय की आवाज में गुस्सा था, और उसकी आवाज़ तेज़ भी थी। वोह गुस्से से गरज रहा था। आज तक उसने अभय को शांत ही देखा ...Read Moreलेकिन आज अपने स्वभाव के विपरीत ही दिख रहा था वो। देव बस अभी ही आया था लाइब्रेरी में अभय के किसी पेपर पर सिग्नेचर लेने जब उसने देखा की अभय और अनिका बात कर रहे है, नही नही बात तो सिर्फ अनिका कर रही थी अभय तो गरज रहा था। अनिका ने अभय को बता दिया था की वोह क्या
जिस दिन अनिका सबिता से मिलने साइट पर गई थी उसके एक हफ्ते बाद, सबिता अपने प्रजापति मैंशन के लिविंग रूम में खड़ी थी। "ध्रुव?" "जी मैडम?" "अपने सभी आदमियों और नौकरों से कहो की फर्स्ट फ्लोर पर कोई ...Read Moreआयेगा जब तक मैं न कहूं।" ध्रुव कुछ पल के लिए चुप हो गया और फिर सिर हिला कर हां का इशारा कर दिया। "मैं अभी सब को कह देता हूं, मैडम।" जैसे ही ध्रुव चला गया, सबिता ने याद किया वोह दिन जब उसने पहले भी ऐसा ही निर्देश दिया था। अनिका और अभय सिंघम की शादी वाले दिन
***फ्लैशबैक कंटिन्यू*** यह अभय सिंघम तो बड़ा ही कमीना निकला, सबिता ने मन में ही कहा। वोह अभी भी उसका पैशनेट या क्रूर किस सह रही थी और उसकी बढ़ती उत्तेजानयों को महसूस कर सकती थी। उसके हाथ सबिता ...Read Moreबदन पर अब फिसलने लगे थे। उसने उसे अपने से और सटा लिया। एक लंबे किस के बाद उसने सबिता को छोड़ा। अब उसके होंठ सबिता के कान, गर्दन और कंधे पर फिसलने लगे। "आज की रात और कितना आगे तक तुम जाना चाहती हो?" जैसे ही सबिता ने यह जानी पहचानी आवाज़ सुनी वोह सन्न रह गई। सबिता ने
"सबी! सबी!" सबिता ने सुना नीलांबरी उसको बार बार पुकार रही है। जब सबिता ने कोई जवाब नही दिया तोह नीलांबरी अपनी दासियों के साथ सीढ़ियों से नीचे उतर आई। "सबी!" नीलांबरी अभी भी उसे पुकार रही थी।सबिता ...Read Moreभावशून्य एक्सप्रेशन से उन्हे देखा। "यस?"नीलांबरी की आंखें दहशत सी लदी हुई लग रहीं थी। "तुम्हारी कजन यहां आ रही है। क्या तुम्हे पता है वो यहां क्यों आ रही है?" सबिता ने अपने कंधे उच्चका दिए। "देव सिंघम को कुछ डॉक्यूमेंट्स पर मुझसे कुछ डिस्कस करना है जो शहर जाने से पहले उसे लेकर जाना है। क्योंकि देव सिंघम को मुझसे काम है
उसी रात, सबिता ने बस अपनी डॉक्यूमेंट्री "इंजीनियरिंग ऑन मार्वेल्स" सुनना खतम की थी। अपने कान में से इयर फोन्स निकाल कर उसने साइड में टेबल पर रख दिए। उसने अपने कमरे की लाइट्स बंद कर दी। अपने बिस्तर ...Read Moreलेट कर उसने चादर ओढ़ ली और सोने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। बहुत थके होने के बावजूद भी उसका दिमाग शांत नहीं था जिस वजह से वो सो नही पा रही थी। उसे समझ नही आ रहा था की क्यों उसके दिमाग में इतनी बातें घूम रही है। जहां तक वो जानती थी आज का दिन काफी
"ऑर कंपनी इस वन ऑफ द बेस्ट व्हैन इट कम्स टू बिल्डिंग फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर, मिस्टर सिंघम। प्रीटी सून वी ऑर गोइंग टू बी लाइट ईयर्स अहेड ऑफ ऑर बिगेस्ट कंपटीटर्स।""आई नो," देव ने जवाब दिया। "डैट्स वाय आई ...Read Moreडिसाइड टू इन्वेस्ट।" देव एक कंपनी के सीईओ और संस्थापक के साथ बात कर रहा था जो न केवल चेहरे की पहचान बताने वाले सॉफ्टवेयर को बनाने में विशेषज्ञता रखता था, बल्कि यह भी बता सकता था कि जब कोई व्यक्ति वृद्ध हो या भेस बदले तो वह कैसा दिखेगा। देव के इन्वेस्टिगेटर पहले से ही इसी तरह के सॉफ्टवेयर पर
देव बिलकुल भी उसके झांसे में आने के मूड में नहीं लग रहा था। लेकिन टिया भी हार मानने के मूड में नहीं लग रही थी। टिया ने बिना वक्त गवाए देव के पैंट की ज़िप खोलने के लिए ...Read Moreबढ़ा दिया। और देव ने झट से उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया। "बस बहुत हुआ। अपने आप को शर्मिंदा करना बंद करो।" देव ने कहा। टिया ने देव के चेहरे की तरफ देखा और महसूस किया की देव का चेहरा गुस्से से गहराने लगा था और अब वो गंभीरता से उसे देख रहा था। "पर.... मैं.....और तुम....."देव का चेहरा थोड़ा नर्म पड़ने लगा
"मुझे लगता है की यह वोही है।"देव सोफे पर बैठा था अभय और अनिका के साथ ऑफिस के बंद कमरे में। और उनके साथ बैठे हुए इन्वेस्टीगेटर के हैड उनको कुछ फोटोज़ दिखा रहे थे। साथ ही उनकी ...Read Moreयानी की इन्वेस्टिगेशन कहां तक पहुंची यह भी बता रहा था। फोटोज़ कुछ फटी फटी सी थी, सही से कुछ दिख नही रहा था। लेकिन उनमें से एक फोटो थी जिसमे उस आदमी की गर्दन पर कुछ दिख रहा था। कुछ हरा और लाल रंग का शायद टैटू जैसा था। "यस, यह वोही है।" देव ने ठीक से पहचानते हुए कहा। उसने सभी पिक्चर्स
"तुम उन्हे फिर से कैसे खो सकते हो?" सबिता किसी से फोन पर पूछ रही थी। "हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, मैडम। हमे एक घंटे पहले ही जानकारी मिली थी। जैसे ही हम वहां पहुंचे.......""हर ...Read Moreका यही बहाना है तुम्हारा। एक ही बात सुन सुन कर मैं परेशान हो गई हूं। मुझे नतीजा चाहिए, बहाना नहीं।""हम समझते हैं, मैडम। मैं......"सबिता ने उसकी बात पूरी सुने बिना ही, निराशा से, फोन काट दिया और अपने ऑफिस डेस्क पर ज़ोर से पटक दिया। हर बार अलग अलग एजेंसी हायर की थी उसने कुछ बीते सालों में, पर सबका जवाब
दरवाज़ा खुला और फिर बंद हो गया सामने खड़ा लंबा चौड़ा शख्स आगे बढ़ने लगा और सबिता के सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया। सबिता के सामने बैठा शख्स और कोई नही देव सिंघम था। सबिता उसकी इस ...Read Moreपर तिलमिला उठी। वोह पूछना चाहती थी की इस तरह उसके ऑफिस में घुसने की वजह लेकिन फिर उसने अपने आप को रोक लिया जब उसने उसके चेहरे की तरफ देखा तोह वोह समझ गई की देव इस वक्त काफी गुस्से में है। देव ने अपने हाथ को हथेली की साइड से ज़ोर से टेबल पर मारा तो टेबल पर रखा सामान
अगली सुबह जब देव उठा। सुबह की भीनी भीनी खुशबू और गुलाब के फूलों की हल्की हल्की महक आ रही थी। अपनी अध खुली आंखों से वोह किसी को ढूंढने के लिए अपने हाथ को फैला के बैड पर ...Read Moreलगा लेकिन उसके हाथ कुछ नही लगा क्योंकि वहां कोई नहीं था। अगले ही पल उसकी लंबी मुस्कान छोटी हो गई जब उसने एक जानी पहचानी 'क्लिक' जैसी एक आवाज़ सुनी। जैसे ही उसने अपनी आंखे ठीक से खोली सामने का नज़ारा देख कर वोह उठ कर बैठ गया। सबिता प्रजापति बैड के पास खड़ी थी, अस्त व्यस्त हालत में, हाथ में बंदूक
"हमने उसे ढूंढ लिया।" अभय की आवाज़ सुनाई पड़ी कार में स्पीकर से। उसकी आवाज़ में कुछ अशुभ सूचना का आभास हो रहा था। "कहां?" देव ने कहा। रायडू एक चालक लोमड़ी की तरह है। वोह लगातार अपनी ठिकाना ...Read Moreरहा था इन्वेस्टीगेटर को चकमा देने के लिए। जब भी कभी कोई लीड मिलती थी रायडू के बारे में देव या फिर अभय उसकी तलाश में निकल जाते थे। इस बार अभय गया था पता लगाने। "वोह बुरी तरह जख्मी है और इस वक्त हॉस्पिटल में भर्ती है।" अभय ने जवाब दिया। "शिट! क्या हुआ था? हमारे इन्वेस्टिगेटर कल ही तो उसे ट्रैक करने
"मैडम, लड़ाई हो गई है हमारे लोगों और सिंघम के लोगों के बीच। और दो लोग घायल भी हो गए हैं।"सबिता ने अपनी भौंहे सिकोड़ ली सुन कर और ध्रुव के उसे बीच में डिस्टर्ब कर कर क्योंकि वोह ...Read Moreकिसी से फोन पर बात कर रही थी। "मुझे सूचित करते रहना। और अगर लेट भी हो जाए तोह भी मुझे फोन करके अपडेट्स देते रहना।" सबिता ने फोन पर उससे बात कर रहे शख्स से कहा। उसने फोन रखा और ध्रुव की तरफ भौंहे सिकोड़ कर देखा। "तुमने या फिर तुम्हारे किसी आदमी ने रोका क्यों नही?" सबिता ने ध्रुव से
सबिता ने उसे घूरते हुए देखा और कहा, "तुमसे कितनी बार कहा है की उस रात की बात मेरे सामने मत करा करो।""इसमें कोई बुरी बात तोह नही है।""बिलकुल है।" सबिता के सामने खड़ा शख्स हमेशा ही उसे गुस्सा ...Read Moreथा अपनी हरकतों से। "अगर हमारे लोगों को लगता है की हम कपल हैं और आगे चल कर रिश्ता भी जुड़ सकता है तोह वोह रिलैक्स हो जायेंगे और सुरक्षित महसूस करेंगे। तुम्हे रेवन्थ सेनानी से छुटकारा भी मिल जायेगा। मुझे पता है तुम्हारे लोग दुबारा सिंघम और प्रजापति के बीच रिश्ता जुड़ता देखना चाहेंगे ना की सेनानी के साथ।" देव
देव, सबिता प्रजापति को, कपड़े पहनते हुए देख रहा था। जब शाम के समय सबिता उसके ऑफिस केबिन में आई थी तो देव को उमीद थी की सबिता नाराजगी दिखाएगी, या गुस्सा दिखाएगी। लेकिन अभी जो खुशी वोह ...Read Moreकर रहा था, उसने पूरी तरह से उसके ख्याल को झुकला दिया था। देव को भी अब लगने लगा था वोह, जो सबिता ने कुछ हफ्ते पहले उसे कहा था, *"की वोह एक पागल कमीना है।"*देव को भी नही पता था की उसने उससे यह डील क्यों की, लेकिन वोह यह जान गया था की उसे सबिता चाहिए। वोह उसे पाना चाहता
"मैडम, क्या आप दूसरा रूम यूज करना चाहेंगी, हमने स्पेशली आपके लिए ही तैयार कराया है।"सबिता न उसकी तरफ देखा। वोह अधेड़ उम्र का था और बहुत ही नर्वस लग रहा था। वोह हॉस्पिटल का ही कोई स्टाफ मेंबर ...Read Moreसबिता और सबिता के आदमी, उस एक्सक्लूसिव प्राइवेट हॉस्पिटल के मीटिंग रूम के बाहर खड़े थे, जो हॉस्पिटल उसके दादाजी के दोस्त का था। सालों से उसके दादाजी को रूटीन चेकअप और कभी कभी सर्जरीज के लिए इस हॉस्पिटल में लाया जाता था। "हम यहां इसी में ठीक है," सबिता ने कहा। "कुछ लोग और आने वाले हैं यहां। कितने बजे मेरे
"में देख सकता हूं।" देव मुस्कुरा दिया। "क्या?" देव ने अपने बड़े भाई अभय सिंघम से पूछा जो उसी के सामने डाइनिंग चेयर पर बैठा हुआ था। "यही सेम एक्सप्रेशन कभी मेरे हुआ करते थे जब मुझे मेरी पत्नी ...Read Moreप्यार होने लगा था।" अभय ने जवाब दिया। फिर अपनी भौंहे सिकोड़ते हुए कहा, "शायद यह एक्सप्रेशन मेरे चेहरे पर नही दिखते हो लेकिन मैं अंदर से ऐसा ही महसूस करता था।"देव हंसने लगा। "वैल! आई होप की वोह इससे कन्विंस हो जाए जिसे मैं आज प्रोपोज करने वाला हूं। जिसके साथ मैं अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं।"अभय मुस्कुरा
सबिता अक्सर रात को देव से उसके कॉटेज में मिलने लगी थी। दिन में वोह दोनो साइट पर रह कर एक साथ काम करते थे जिससे उनके लोगों में शांति और राहत बनी हुई थी। एक यूनिट की प्लानिंग ...Read Moreखत्म हो गई थी, बस फाइनल टच बाकी था। सबिता जानती थी की अगर यह प्लांट शुरू हो गया तोह इससे उसके लोगों का कितना फायदा होगा। वोह बहुत खुश थी जिस तरह से काम चल रहा था। उसको देव सिंघम के साथ काम करने में मजा आने लगा था। देव बहुत ही क्नोलेजेबल था और धैर्य दिखाता था सबिता को समझने
रायडू अभी भी कोमा में ही था। उसे होटल रूम में मिले हुए तकरीबन दो महीने हो चुके थे। देव निराशा से बहुत चिड़चिड़ा गया था की सारी जानकारी रायडू के दिमाग में है। अगर उसे जल्दी होश नही ...Read Moreतोह कितना लंबा इंतजार देव को करना पड़ेगा और अगर कहीं वोह होश में आने से पहले ही मर गया तोह कभी भी देव उस मंदिर हत्याकांड के बारे में नही जान पाएगा। हालांकि, रायडू को बचाने के लिए सिंघमस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अलग अलग डॉक्टरों को दिखाने के बाद, सभी का एक ही जवाब था की रायडू
देव अपने ऑफिस रूम में कुछ काम कर रहा था जब उसने बाहर से एक बड़े से धमाके की आवाज़ सुनी। वोह धमाका इतना बड़ा था की उसे अपने पैरों पर ज़मीन की भी हलचल महसूस हुई। वोह तुरंत ...Read Moreसीट से उठा और सबिता के ऑफिस की तरफ भागा। "सबिता!" उसने चिल्लाते हुए उसे पुकारा और उसके दरवाज़े पर नॉक किए बिना दरवाज़ा पर धक्का देते हुए अंदर घुस गया। सबिता अपने रूम में बिलकुल बीचों बीच खड़ी थी और अपनी बंदूक को सही से उसके खोल में रख रही थी। "तुम ठीक हो? देव ने पूछा। "हां! क्या हुआ है?" सबिता ने
उन दोनो को दस दिन लग गए थे एक साथ एक वक्त पर फ्री होने में, जब उन्होंने अपनी डेट फाइनल की। सबिता अपने अंदर की जिज्ञासा और अपेक्षा कम कर रही थी जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा ...Read Moreडेट का। हालांकि जैसा दूसरी लड़कियां करती हैं सबिता ने अपने किए कोई फैंसी या सेक्सी ड्रेस नही सिलेक्ट की थी डेट के लिए। वोह जानती थी की वोह आसानी से ऑर्डर कर सकती है, पर उसने फैसला किया की वोह वोही पहनेगी जिसमे वोह ज्यादा कंफर्टेबल महसूस करती है। सबिता देव को देख कर बहुत खुश हुई थी जब
देव सबिता के वापिस आने का इंतजार कर रहा था। उसे पता था की वोह इस रिश्ते में गहराई से और तेज़ी से बढ़ रहा है उसके लिए। भागने से पहले सबिता ने भी कहीं न कहीं देव की ...Read Moreको भांप लिया था। पर देव अपनी फीलिंग्स से लड़ते लड़ते थक गया था। वोह ठीक तरह से समझ नही पा रहा था की वोह इन एहसासों को क्या कहे। फॉलिंग इन लव? नही। प्यार नही हो सकता। प्यार होने में तोह वक्त लगता है। वोह बिखर रहा था। जो भी वोह महसूस कर रहा था वोह उसे सबिता को
अगले कुछ हफ्तों में, चीज़े अपने शेड्यूल पर होने लगी साइट पर। और भी ज्यादा लोग हायर कर लिए गए थे काम पर। काम दिन रात हो रहा था और छुट्टी वाले दिन भी काम होने लगा था। "बस ...Read Moreमहीना ही बचा है जब हमें यह प्रोजेक्ट सौंपना से पहले।" सबिता ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, जब तक के इनिशियल प्लानिंग एंड ऑपरेशंस शुरू नही हो जाते, देव और सबिता ही प्रोजेक्ट को संभालेंगे और उसके बाद उस मैनेजर को सौंप देंगे जिसे उन दोनो ने मिलकर हायर किया था। "हां! पर तुम दुखी
सबिता ने आगे बढ़ कर देव का हाथ अपने दोनो हाथों में भर लिया। वोह उसकी गरमाहट महसूस करने लगी। "देव!" बाहर से आती हुई चिल्लाने की आवाज़ ने ऑपरेशन थिएटर में पसरी हुई शांति को भंग कर दिया।"मेरा ...Read Moreकहां है!" अभय सिंघम चिल्लाता हुआ ऑपरेशन थिएटर में घुस आया और सामने अपने छोटे भाई को बेहोश पड़े हुए देख कर एक पल रुक गया। "वोह ठीक है, अभय। तुम शांत हो जाओ," अनिका अपने पति अभय को समझा रही थी। "क्या हुआ था?" देव ने पूछा। वोह अब सामने देव के साइड में बैठी सबिता को देख रहा था। "हम नही जानते अभी
"में देख सकता हूं।" देव मुस्कुरा दिया। "क्या?" देव ने अपने बड़े भाई अभय सिंघम से पूछा जो उसी के सामने डाइनिंग चेयर पर बैठा हुआ था। "यही सेम एक्सप्रेशन कभी मेरे हुआ करते थे जब मुझे मेरी पत्नी ...Read Moreप्यार होने लगा था।" अभय ने जवाब दिया। फिर अपनी भौंहे सिकोड़ते हुए कहा, "शायद यह एक्सप्रेशन मेरे चेहरे पर नही दिखते हो लेकिन मैं अंदर से ऐसा ही महसूस करता था।"देव हंसने लगा। "वैल! आई होप की वोह इससे कन्विंस हो जाए जिसे मैं आज प्रोपोज करने वाला हूं। जिसके साथ मैं अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं।"अभय मुस्कुरा
जैसे ही वोह वहां पहुंचा उसकी नज़र सबसे पहले उन गार्ड्स पर पड़ी जो दरवाज़े के बाहर खड़े इंतजार कर रहे थे। उन सबके चेहरे कुछ गंभीर दिख रहे थे। वैसे तोह ऐसे भाव हमेशा ही उनके रहते थे ...Read Moreआज कुछ अलग था जो देव को खटक गया। चिंता जताते हुए देव ने उनसे पूछा, "क्या सबिता ठीक है?"सबिता के पर्सनल बॉडीगार्ड ध्रुव ने सिर हां में सिर हिला दिया। "कहां है वोह?" देव ने पूछा। "मैडम अंदर है। नीलाम्मा से बात कर रहीं हैं।" ध्रुव ने जवाब दिया। देव ने अपनी भौंहे सिकोड़ ली और आंखे छोटी कर
देव सिंघम, सिंघम मैंशन के ऑफिस रूम में बैठा डॉक्यूमेंट्स पढ़ रहा था। "देव"उसने ऊपर की तरफ देखा जब उसे उसके कंधे पर किसी के हाथ का स्पर्श हुआ। उसके सामने अभय सिंघम खड़ा था। "हां?""मैं कबसे तुम्हारा नाम ...Read Moreरहा था, देव!""सॉरी! मैं बिज़ी था। मुझे यह कल तक भेजना है।"अभय ने गहरी सांस ली। "देव तुम धीरे धीरे अपने आप को मार रहे हो। मैं चाहता हूं की तुम एक ब्रेक लेलो कुछ वक्त के लिए।"देव ने एक पल अपने बड़े भाई अभय सिंघम को देखा और फिर हंसने लगा। उसकी बातें उसके कानो में चुभ सी रही
"इन सिग्नेचर्स के बाद, ऑफिशियली ये कॉन्ट्रैक्ट खतम हो जायेगा।" सबिता अपनी टीम के साथ मीटिंग रूम में थी और लॉयर को कहते सुन रही थी। उसके ठीक सामने देव सिंघम अपनी टीम के साथ बैठा था। वोह दोनो ...Read Moreलास्ट डॉक्यूमेंट को साइन कराने आए थे हैंडओवर करने के लिए क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक इसके बाद का कंस्ट्रक्शन का काम मैनेजमेंट टीम को संभालना था। "सर, मैडम, आप दोनो को कुछ पूछना है?" लॉयर ने पूछा। "नही," सबिता ने तुरंत जवाब दिया। वोह मीटिंग लगभग दो घंटे तक चलती रही। और पूरे टाइम सबिता की नज़रे सिर्फ टेबल पर
एक हफ्ता बीत चुका था वीरेंद्र प्रजापति के अंतिम संस्कार को बीते। इन्वेस्टिगेशन की रफ्तार भी धीमी गति से ही चल रही थी क्योंकि उन्हें कुछ खास अभी तक पता नहीं चला बस एक चीज़ के सिवाए। देव इस ...Read Moreसिंघम मैंशन में लाइब्रेरी में एक पत्र पढ़ रहा था। उसने अपनी दादी का यह पत्र पहले भी कई बार पढ़ा था, पर उस रात फिर उसका मन हो रहा था एक बार और पढ़ने का। उसको उसकी दादी के हाथ से लिखे हुए वोह पत्र बहुत पसंद थे जो उसकी दादी ने तब लिखे थे जब वोह खुद जवान
सबिता धीरे धीरे जैसे होश में आने लगी। वोह अपनी रोने की वजह से सूजी हुई आंखों को धीरे धीरे खोलने लगी। वोह ऐसा महसूस कर रही थी की मानो उसमे जान ही नहीं है। जैसे ही उसने अपनी ...Read Moreखोली उसने देखा की वोह तोह देव के ही किसी घर में है। दुबारा से उसकी आंखों में आंसू बह गए। उसके पहले के सूखे हुए आंसू के निशान के ऊपर ही अब यह नए आंसू बहने लगे। अभी बीते पिछले कुछ घंटे उसके लिए मानो नर्क जैसे थे, और वोह कोई बुरा सपना नही था हकीकत थी। उसका बच्चा
सबिता दुपहर तक प्रजापति मैंशन पहुंच गई थी। देव ने उससे ज़िद्द की थी की वोह भी उसके साथ आएगा इसलिए दोनो साथ प्रजापति मैंशन आ गए थे। जैसे ही उनकी गाड़ी प्रजापति मैंशन के गेट पर पहुंची, सबिता ...Read Moreगाड़ी एस उतरकर दनदनाते हुए प्रजापति मैंशन के अंदर चली गई। उसके दिमाग में बहुत सारी बातें चल रही थी। उसे पूछना था नीलांबरी से की उन्होंने उसके साथ ऐसा क्यों किया? उसे उन्हे उनके किए की सज़ा देनी थी। इसी उम्मीद से की जैसे ही नीलांबरी उसके सामने आएगी वोह उसे गोली मार देगी, सबिता अपने मन में एक
यह सुनते ही सबिता का दिल जोरों से धड़कने लगा। "तुम्हारा सेनानी से रिश्ते का क्या?" सबिता ने पूछा। "तुम तोह नर्मदा सेनानी से शादी करने वाले थे ना?""नही। मैं उससे शादी नही कर रहा," देव ने जवाब दिया। ...Read Moreबिना और सहाना की इन्फॉर्मेशन देने के लिए जब मैने तुम्हे कॉल किया था, उससे पहले ही मैं अपना मन बना चुका था की उससे शादी नही करूंगा।"एक उम्मीद सबिता के मन में जाग उठी। वोह किसी और के साथ कमिटेड नही है। उसने देव को अपनी बाहों में भर लिया। "ओह गॉड, आई लव यू, टू। आई लव यू
देव हल्का सा हिला जब उसने अपने फोन की घंटी की आवाज़ सुनी। धीरे से उसने अपनी आंखे खोली और सामने उसकी खूबसूरत जिंदगी थी। सबिता प्राजपति फाइनली उसकी बाहों में चैन से सोई हुई थी। सबिता भी फोन ...Read Moreआवाज़ से उठ गई क्योंकि फोन लागतार बजे जा रहा था। देव ने प्यार से सबिता के माथे पर चूम लिया। फिर वह झुक कर अपना फ़ोन उठाने लगा। "देव," इन्वेस्टिगेटर की आवाज़ देव के कानो में पड़ी जैसे ही उसने फ़ोन आंसर किया। उसकी आँखों में जो नींद थी वह उसकी आवाज़ सुनते ही उड़ गयी। "क्या हुआ?" देव
*"आप यह लैटर्स किसकी भेज रहें हैं, पापा?" सबिता ने पूछा।**"एक परी को जो यहां से बहुत दूर रहती है, गुड़िया।" हर्षवर्धन प्रजापति ने जवाब दिया।**"वोह कहां रहती है?"*"एक ऐसी जगह जिसे लंदन कहते हैं?"**"क्या वोह सुंदर है?"**"हां। वोह ...Read Moreहै।"**"मेरी मां से भी ज्यादा।"**"नही, गुड़िया। मैने आज तक तुम्हारी मां जितनी सुंदर औरत कभी नही देखी। और तुम बिलकुल उनकी ही तरह बहुत सुंदर हो।"*सबिता नीलांबरी के कमरे में खड़ी थी, अपनी बुआ से रिलेटेड कोई क्लू ढूंढने के लिए। वोह दीवार पर लगी उन लैटर्स को देख रही थी। उन्हे देख कर उसे याद आया की उसके पाप
अनिका अपनी कुर्सी से खड़ी हो गई। "मुझे वाशरूम जाना है। मैं अभी आती हूं," अनिका ने कहा। "मैं भी तुम्हारे साथ आती हूं।""इसकी जरूरत नही है, सबिता। मेरी बात मानो, अगर तुम एक प्रेगनेंट वूमेन के साथ रैस्टरूम ...Read Moreआओगी तो तुम्हे बहुत देर वहां इंतजार करना पड़ेगा।""कोई बात नही। चलो अब।"अनिका उसके साथ वाशरूम तक चलने लगी। अनिका उसके साथ लगातार बातें किए जा रही थी। "ओह गॉड, मैने यह सब कितना मिस किया। काश वहां भी मेरे साथ एक सहेली होती जिससे में ढेर सारी बातें करती। सिंघम मैंशन में मेरी उम्र के ज्यादा लोग नही है।
"मैं भी तुम्हे जबान देती हूं, अगर तुम अनिका को सिंघम मैंशन भेज दोगे और जब मुझे कन्फर्मेशन मिल जायेगा की वोह सही सलामत वहां पहुंच गई है तोह मैं तुमसे शादी कर लूंगी।"रेवन्थ सेनानी की आंखे गुस्से से ...Read Moreहो गई। अगले ही पल उसने सबिता को ज़ोर दार थप्पड़ जड़ दिया। वोह थप्पड़ इतनी तेज़ था की सबिता लड़खड़ा कर नीचे गिर पड़ी। "मेरे साथ दुबारा अपने ये पैंतरे आजमाना मत!" रेवन्थ सेनानी ज़ोर से चिल्लाया। "तुम्हे लगता है की मुझे पता नहीं होगा की जैसे ही तुम्हारी बहन अपने घर पहुंचेगी, उसी वक्त तुम मुझ पर अटैक
सबिता उस कमरे की देख रही थी जिसमे उसे लाया गया था। "अपने कपड़े उतारो," रेवन्थ सेनानी की कड़क आवाज़ सबिता को अपने कानों में सुनाई पड़ी। जब सबिता ने कोई रिएक्ट नही किया और नही अपनी जगह से ...Read Moreइंच भी हिली और ना ही उसने कुछ कहा तोह रेवन्थ सेनानी उसकी तरफ बढ़ने लगा।रेवन्थ सेनानी ने कुछ पल अपनी ठंडी नज़रों से उसे देखा। और फिर अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके सीने पर से उसकी शर्ट को पकड़ लिया। और फिर एक झटके में खीच कर उसकी शर्ट फाड़ दी। "अगर तुम यह खुद से नही करना
तेज़ धुआं उठ रहा था। चारो ओर आग ही आग थी। आग की लपटे उन यादों को भी ले जा रही थी जो कुछ देर पहले बीते थे। सबिता अपनी खाली आंखों से रेवन्थ सेनानी के फार्म हाउस को ...Read Moreहुआ देख रही थी। उसने महसूस की या देव ने हल्का सा उसका हाथ दबाया है, उसे यह एहसास कराने के लिए अब सब ठीक है। फिर उसने उसके हाथ को अपने होंठों के पास ले जा कर चूम लिया। "अब घर चलते हैं, बेबी," देव ने कहा और उसे उस तरफ ले जाने लगा जहां गाडियां उसका इंतजार कर
कुछ दिनों बाद तक भी देव सबिता के साथ ही रहा। वोह उसे एक पल के लिए भी अपने से दूर नही करता था। जबकि वोह जनता था की, सबिता जानती है की वोह अपने भाई राणा को ढूंढने ...Read Moreलिए कितना उत्सुक है, तब भी वोह उसके साथ ही रहता था। "देव, मैं ठीक हूं। तुम्हे जाना चाहिए। पहले मुझे इन सब के होने का अंदाजा बिलकुल नहीं था लेकिन अब मैं काफी सावधानी बरत रही हूं। जिस बॉडीगार्ड ने मुझे धोखा दिया था, बस वोही एक दुष्ट है।" सबिता ने कहा। वोह धोखे बाज़ बॉडीगार्ड प्रजापति राज्य का