एक बूंद इश्क - 27

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२७.शादी-एक पवित्र बंधन सगाई के बाद दूसरे दिन अपर्णा अपने कमरे में सो रही थी और नीचे उसकी हल्दी की रस्म की तैयारियां चल रही थी। उसी वक्त आरुषि आई। जिसे वंदिता जी ने ही बुलाया था। आखिरकार आरुषि अपर्णा की बेस्ट फ्रेंड थी। आरुषि आकर सब से मिली और सीधा अपर्णा के कमरें में पहुंच गई। उसने आते ही खिड़की का पर्दा हटाकर उसे खोल दिया। उसी के साथ अपर्णा ने उठकर कहा, "आरुषी! तुम यहां?" अपर्णा ने अभी तक आरुषि का चेहरा नहीं देखा था। वह खिड़की की तरफ मुंह किए खड़ी थी। लेकिन उसकी इस हरकत से