इतिहास का वह सबसे महान विदूषक - 8

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8 दिखाया तीतर ने कमाल राजा कृष्णदेव राय के दरबार में बड़े-बड़े विद्वानों के साथ ही अनेक विद्याओं के जानकार और कलावंत लोग भी आया करते थे। राजा उनका सम्मान करते थे और उन्हें कीमती पुरस्कार देकर विदा करते थे। इसी तरह वे तरह-तरह के घोड़ों और पशु-पक्षियों के भी बड़े शौकीन थे। अच्छी नस्ल के घोड़ों और तरह के पशु-पक्षियों की उन्हें बहुत अच्छी जानकारी थी। अगर कोई सुंदर पशु-पक्षी लेकर दरबार में आता तो राजा खुश हो जाते थे। लाने वाले को उचित मूल्य देकर वे उन पशु-पक्षियों को अपने दरबार में रख लेते थे। फुर्सत के क्षणों