हमदर्द - 1

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" फ़सानो में सुना है सिर्फ मोहब्बत के खुशनुमा किस्सें....असलियत में मोहब्बत कभी खुशी नही दिया करती बल्की ताउम्र का दर्द दे जाती है सिर्फ और सिर्फ दर्द" आहान अपने हि खयालों में खोया हुआ था । आँखो में नमी थी । अपने बिखरे हुए रिश्ते को समेटते समटते आज ओ खुद बिखर गया था । सवाल हजारो थे लेकिन जवाब नही । फोन के आवाज से वो अपने खयालों से बाहर आ जाता है । नव्या:- भाई.... कहाँ हो आप ???.... आहान:- रास्तें में हि हुँ। कुछ देर में पहुच जाऊँगा । क्यों क्या हुआ?... नव्या :- वो भाभी