हमने दिल दे दिया - अंक ११

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अंक ११ जीवन        तेरे दिमाग में घुसा भरा हुआ है | इतना कम था की हम मानसिंह जादवा की बहु को मिलने गए एक अपराध करके की अब तु भरी दुपहर में उसकी लड़की को लेकर उस हवेली में घुसेगा और उनकी बहु से मिलन करवाएगा जो मानसिंह जादवा की नजरो में बहुत बड़ा गुनाह है | साले तेरे जैसा इंसान नहीं देखा तु एक बार में सैतान की बेटी और बहु दोनों को छेड़ रहा है और तो और छेड़ रहा है उसकी तो बात छोडो उसमे हमें भी सामिल करना चाहता है | नहीं भाई नहीं