तेरी चाहत मैं - 10

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अजय ने सोचा, की जाने से पहले लाइब्रेरी होता चलूं, कुछ किताबें लेनी थी उसे। अजय लाइब्रेरी जा रहा था की रास्ते में रिया ने उसका रास्ता रोका। रिया बोली "जब से तुम यहां आए हो, हम को काफ़ी परशान किया है। पहले किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी, की हम को या विक्रम को कोई कुछ कह भी सके। लेकिन जिस दिन से तुम आए हो। बराबर हमारा रास्ता काट रहे हो। आज तुम्हारी वजह से विक्रम की इतनी ज़िलत हुई है। हम को हमारे पापा के सामने शर्मिंदा करवा दिया। हम तुमसे बदला जरूर लेंगे। इन सब का