रॉबर्ट गिल की पारो - 3

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भाग 3 रॉबर्ट उस पहाड़ी के सामने खड़ा था जहाँ टैरेन्स का बंगला था। हालांकि काफी समय हो चुका था, शाम ढले। लेकिन, चारों ओर उजास फैला था। उसने अपलक पहाड़ी पर बने उस बंगले को देखा जहाँ जीवन और मृत्यु दोनों आमने सामने थे। हाँ! उसने ऐसा ही महसूसा था उस रात जब वह टैरेन्स के साथ इस बंगले पर था। लेकिन ऊपर चढ़ते हुए उसे महसूस हुआ कि बंगले में कोई शोर है, जैसे कुछ लोग आपस में बहस कर रहे हों। करीब 20 मिनिट चढ़ने के बाद वह बंगले के बरामदे के सामने खड़ा था। गेट खुला