फ़्लैट नंबर 444

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सरोज और उसके पति मयूर चौथी मंज़िल पर एक फ़्लैट में रहते थे। अभी दो माह पहले ही उनके पड़ोस के फ़्लैट नंबर 444 में किराये से रहने के लिए एक दंपति आये थे। हर दिन उस फ़्लैट से लड़ाई करने की आवाज़ें आती रहती थीं। सरोज इस बात से काफ़ी परेशान थी। एक दिन उसने अपने पति से कहा, “मयूर मुझे तो दाल में कुछ काला लगता है। उन दोनों का हर रोज़ झगड़ा होता है, ऐसी तो क्या बात होगी?” “छोड़ो ना सरोज, हमें क्या करना है होगा कुछ।” मयूर के समझाने के बाद भी सरोज का मन