नफरत का चाबुक प्रेम की पोशाक - 9

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सुबह उठी तो देखा तुम्हारे काका ने मेरा सामान दो-तीन थैलों में भरकर रखा हुआ है और मेरे बाहर आते ही मुझे बानो से मिलाते हुए कहा - " जुबैदा बानो को तो जानती हो ना तुम!" बानो तो मेरी जेठानी की छोटी बहन थी भला उसे कैसे ना जानती मैं, हमारी शादी के बाद हर तीसरे दिन तो घर आ जाती थी। हाँ पिछले सात आठ महीनों में ना जाने ऐसा क्या हुआ कि वो नहीं आई। मैं कुछ बोलती इससे पहले ही राशिद बोल पड़े -" मैंने बानो से निकाह कर लिया।" ये सुनकर मैं आवाक रह गई