नसबंदी - 9

  • 3.9k
  • 1.6k

वक़्त फ़िर पंख लगाकर उड़ रहा है, मोहन ने कर्ज लेकर अपनी दुकान खरीद ली। अब उसकी दुकान भी अच्छी चल रही हैं । वो अपनी दुकान पर ही बैठा सोच रहा है, बिरजू और श्याम को गए पाँच महीने हो चुके हैं। कहाँ हम तीनो एक साथ इस शहर में आए थें और कहाँ अब सिर्फ़ मैं अकेला रह गया हूँ । जूही के घरवाले अब भी श्याम और जूही को ढूंढ रहे हैं । दोनों एक शहर से दूसरे शहर भागते फ़िर रहे हैं, मैं समझता था सिर्फ मेरे साथ ही दिक्क़ते हैं, मगर मेरे दोस्त भी कौन