परी की दास्तान

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कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं,तूझे इस कदर चाहूँ कि अपनी जात भूल जाऊं,कभी उठ के तेरे पास से जो मैं चल दूँ,जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं।हॉस्पिटल का सिन --एक आदमी अच्छी खासि हाइट.. गहरी भूरी आंखे.. कसरती बदन मे शूट मे जिसके ऊपर खून के धब्बे थे वो चेहरे परेशानी लिए हुए कोरिडोर मे घूम रहा था.. तभी वहा नर्स आती है..!!नर्स :- एक्सक्यूज़ मी.. मी.. आप उनके कौन है.??तभी डॉक्टर :- ओहो नर्स इनका गुस्सा नहीं देखा जाहिर है ये उनके हस्बेंड ही होंगे.!!आदमी :- अब वो केसी है डॉक्टर.?डॉक्टर :- घाव काफ़ी