इस जन्म के उस पार - 18

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( कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )यहां सुबह वरदान और अयंशिका धर्म और चपला के साथ निकल पड़ते है।काफ़ी दूर तक आके वो सितारा एक जंगल मे एक ख़डीत दीवार के पास रुक गया.!!धर्म :- यहां तो कुछ नहीं सिर्फ एक दीवार है.!!चपला :- बात कुछ और है वरना ये सितारा यहां नहीं रुकता.!!तभी अयंशिका उस दीवार को छुति है तो वो चमक उठती है वरदान जट से अयंशिका को पीछे खींच लेता है..तभी उस दीवार पर एक पहली दिखती है.. "वो जो कल था आज भी है और हमेशा रहेगा.!!"सब सोच मे पड़ जाते