सबा - 18

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राजा ने बिजली को अपनी बांहों में लेकर भींच रखा था। बिजली की आंखें बंद थीं और उसे लग रहा था कि उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सुख थोड़ी देर के लिए उसके साथ है। लेकिन ये गोरखधंधा अब तक उसे समझ में नहीं आया था। दुनिया कहां से कहां पहुंच गई! उसका दिल कह रहा था कि वह यहां से उड़ कर तुरंत अपनी मैडम के पास पहुंच जाए और इस पहेली के अर्थ उनसे ही जाकर पूछे। शायद तब ज़िंदगी कुछ समझ में आ जाए। लेकिन मैडम के पास पहुंचना तो दूर, अभी तो उसे अपने घर पहुंचना