अप्रत्याशित - अनोखी प्रेमकथा

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छोटा सा कमराअलमारी कानून की कतबो से भरी।रैक में फाइल का अंबार।मेज पर भी फ़ाइल रखी है।युवती बैठी हुई फाइल पढ़ने में मसगुल है।एक युवक आता है।वह पहले दरवाजे के पास खड़ा रहता है।कुछ देर खड़ा रहकर सोचता है,क्या दस्तक दू।शायद ध्यान भंग हो जाये।वह दस्तक नही देता और अंदर जाकर खड़ा हो गया।युवती ने अपनी नजरे फ़ाइल पर जमा रखी थीं।उसने फ़ाइल पढ़कर ज्यो ही नजरे उठायी उसकी नजर युवक पर पड़ी और वह चोंकते हुए बोली,"अरे।अंदर कब आये?""आप फ़ाइल पढ़ने में व्यस्त थी"युवक बोला,"क्या मैं बैठ सकता हूँ।""जरूर,"वह बोली,"लेकिन एक बात मै तुम्हे पहले ही बता देती हूँ।""क्या?"युवक