द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 16

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एपिसोड १६ “मैडम, जैसे ही हम गेट पर पहुंचे, सामने तीस-चालीस जंगली कबीले खड़े थे।” महाराज ने धीरे से मः ताराबाई की ओर देखा। ''आपको पता होना चाहिए कि इन जंगली आदिवासियों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, इन आदिवासियों ने कई युद्धों में हमारे रहजगढ़ की मदद भी की है।'' महाराजा के इस वाक्य पर एम: ताराबाई ने सिर्फ सिर हिलाया, उन्होंने बोलना जारी रखा। "वहां इकट्ठे हुए सभी लोगों के पास हथियार थे, किसी के पास भाला था, किसी के पास लकड़ी का बना हुआ तेज़ धार वाला क्रॉस था। यह सब देखकर एक पल के लिए हमें