अन्धायुग और नारी - भाग(५३)

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रात को भी खाना खिलाते वक्त उसने मुझसे ठीक से बात नहीं की,शायद मेरे जाने की खबर से वो भी खुश नहीं थी,फिर खाना खाकर जब मैं उठा तो दादी मुझसे बोली.... "बेटा! आज रात तू मुझसे ढ़ेर सारी बातें कर,कल तो तू चला जाएगा,फिर ना जाने कभी तुझसे मुलाकात होगी भी या नहीं", "जी! चलिए", और ऐसा कहकर मैं उनके साथ आँगन में आ गया,फिर हम दोनों चारपाई पर बैठकर बातें करने लगे और बातों ही बातों में दादी ने मुझसे कहा कि... "कभी कभी सोचती हूँ कि मेरे बाद इस लड़की का क्या होगा"? "तो आप विम्मो की