निरुत्तर - भाग 3

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वंदना के मायके में इस तरह का गंभीर माहौल देखकर राकेश को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। इस समय वहाँ पर अपनी उपस्थिति से वह बहुत असहज महसूस कर रहा था। दर्द से भरे शब्दों में वंदना ने कहा, “भैया अभी तो केवल एक ही वर्ष हुआ है तुम्हारा विवाह को। इस एक वर्ष में तुमने अपनी माँ के 26 वर्ष कैसे भुला दिए? उनके लाड़ दुलार, उनके तुम्हारे पीछे भागते रहने के सारे लम्हे तुम्हारी आँखों से कैसे ओझल हो गए? काश तुमने पहले ही बार में विशाखा का मुँह बंद कर दिया होता तो