मुलाकात - 4

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जूही पल्लवी साधना और घर की कुछ बहूऐ और बहने सुबह से ही ज्यादा उत्साहित थे, जया को कोई काम नही था तो घर मे कुछ ना कुछ काम मे मदद कर रही थी , मामा जी ने जया को कहा की तुम थोड़ा-बहुत काम करा दोगी बेटा , जया ने खुशी खुशी हामी भर दी, मामा जी जो काम बताते जया स्वच्छा से कर देती ,उसे मदद करे के खुशी ही हो रही थी, रात के आठ बजने को थे सब लोग शादी की जगह पहुँच गए थे जया के दोस्त भी पर जया का कुछ पता ही नही