Mulakat book and story is written by Anju Kumari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mulakat is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मुलाकात - Novels
by Anju Kumari
in
Hindi Short Stories
आनन्द और जया मिलने वाले थे, आनंद सुबह से बेचैन अधीर सा यहां वहां घूम रहा था,पता नही क्यों इतनी जल्दी थी उसे ,नाश्ता भी नही किया उसने बस कैसे भी आफिस पहुँचना था उसे ,कितने बाद आज जया से मिलेगा, मिलते ही शिकायत शुरू कर देगी, क्या पहना होगा यही सब सोच कर ही वो खुश था ,आफिस भी टाइम से पहले पहुँच गया,
पर जया आई ही नही, क्या हुआ होगा उसे उसकी तो सारी खुशियाँ धरी रह गई, कुछ समझ नही आ रहा था, आनन्द बेचैन हो गया उसका दिल ही नही लग रहा था किसी काम मे , बार बार जया को फोन मिलाता पर जया का फोन लगा ही नही ,अनगिनत बार फोन किया,
दिन के एक बज गये थे न उसका मन किसी से बात करने का था न ल॔च करने का , सब कुछ सही था फिर क्या हुआ है जो जया फोन नही उठा रही है,
पर जया आई ही नही, क्या हुआ होगा उसे उसकी तो सारी खुशियाँ धरी रह गई, कुछ समझ नही आ रहा था, आनन्द बेचैन हो गया उसका दिल ही नही लग रहा था किसी काम मे , बार बार ...Read Moreको फोन मिलाता पर जया का फोन लगा ही नही ,अनगिनत बार फोन किया, तभी उसके फोन की घंटी घनघना गई आवाज भी पूरी खोल रखी थी आनन्द ने ,जैसे ही घ॔टी बजी सारा स्टाफ आनन्द को देखने लगा, और आनन्द शर्मसार हो गया , आनन्द गुस्से मे था और चिढ़कर बोला ,बोलादिन के एक बज गये थे न उसका
अब तक आपने पढ़ा जया और आनन्द की दोबारा मुलाकात कहां और कैसे हुई, अब जानेंगे आगे,.......... जया गुमसुम सी बैठी ही रही,आनन्द अब बेबस सा उसे उसके घर ले जाना चाहता था शादी की बात कर सके उसके ...Read Moreवालो से ,जया मुझे तुम से बात करनी है बोलो क्या..?हुआ है तुम्हे, जया को अब कुछ होश आया उसने खुद को सम्भाला और कहा ,_ आनन्द तुम कहां चले गये थे मुझे अकेला छोड़कर, क्यो किया तुमने ऐसा मेरे साथ और रोने लगी और बोलती जा रही थी क्या क्या साह मैने, तुम बिन बताये चले गये बिन कहे
पल्लवी ने बताया उसका भाई पूना मे पढता है, और उसे खीच कर बोली उठ जाओ अब नही तो मामी जी फिर से मुंह फुला लेंगी , जया बोली तो जा नाश्ता निकाल मै दस मिनट मे आती हूं,पल्लवी ...Read Moreचली गई दस मिनट बाद तैयार होकर आई पल्लवी नाश्ता लेकर तैयार बैठी थी, दोनो ने नाश्ता किया और रस्मो मे भाग लेने के लिए लालायित हो उठी, मामा जी के कहते ही सब नाचने गाने लगे, जिसकी शादी थी मामा जी की बेटी जूही भी नाचने लगी , मामी और तीनो नाचती है , पर उन्हे कोई छुप के
जूही पल्लवी साधना और घर की कुछ बहूऐ और बहने सुबह से ही ज्यादा उत्साहित थे, जया को कोई काम नही था तो घर मे कुछ ना कुछ काम मे मदद कर रही थी , मामा जी ने जया ...Read Moreकहा की तुम थोड़ा-बहुत काम करा दोगी बेटा , जया ने खुशी खुशी हामी भर दी, मामा जी जो काम बताते जया स्वच्छा से कर देती ,उसे मदद करे के खुशी ही हो रही थी, रात के आठ बजने को थे सब लोग शादी की जगह पहुँच गए थे जया के दोस्त भी पर जया का कुछ पता ही नही
आनन्द को जया के साथ फोटो लेकर वो ही सुकून मिला आनन्द अब जया को ही देखना चाहता था हर पल और जया को उसका ये रवैएया पसन्द नही आ रहा था वो भाग जाना चाहती थी , जयमाला ...Read Moreफिर फेरे सब मे आधी रात हो गई थी सब लोग जा चुके थे कुछ लोग ही बचे थे बस घर के और कुछ बराती अब सब पर नींद और थकान सब पर हावी हो चुकी थी ,मामा जी ने चाय काॅफी का इन्तजाम करवा दिया था पर वेटर कोई ना था तो आनन्द और उसके दोस्त और कुछ मेहमान