अभी तक आपने पढ़ा कि अनन्या की शादी के दिन उसका मन भारी था। वह अपने प्रेमी वीर से विवाह करना चाहती थी, लेकिन माता-पिता के विरोध के कारण उसे अनुराग से शादी करनी पड़ रही थी। मंडप में बैठते हुए भी उसका दिल अंदर ही अंदर संघर्ष कर रहा था। आगे क्या हुआ अब पढ़िए: - पंडित के मंत्र उच्चारण के बीच भी अनुराग का मन बेचैन हो रहा था। उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। वह सोच रहा था कि अनन्या से एक बार पूछ ले कि आख़िर वह लगातार रो क्यों रही है। लेकिन उसे ऐसा