ख्वाहिशों का संकल्प

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देखो, सीमा एक बार नहीं हजार बार मैं कह चुका हूँ तुम्हारी ये जिद पूरी नहीं होनेवाली। समझी तुम? और आज के बाद इस बारे में मैं कोई बात नहीं करना चाहता। इज दैट क्लियर! अविनाश ने कठोरता से कहा पर अविनाश तुमने खुद कहा था की मैं जब चाहूँ फिर पढ़़ाई या नौकरी शुरू कर सकती हूँ ।