जंगल की सैर

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उस छोटे से गांव के आखरी छोर पर बने उस बड़े से मकान में बड़ी सारी तैयारियाँ चल रही थीं। घर की खास साफ सफाई जो रोज़ होती है आज कुछ खास हो रही थी। बाहर बगीचे में माली काका पेड़ों की कटाई छंटाई के साथ छोटे छोटे फूलों वाले पौधे रोपने की तैयारी में थे तो अंदर पलंग पर सुंदर फूलों वाली चादर बिछाई जा रही थी तो रसोई से आ रही पकवानों की महक पूरे वातावरण को महका रही थी। हो भी क्यों ना पूरे साल भर बाद मिनी बिटिया जो आ रही है।