पांच कथाएँ

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आदमखोर कथा पुरुष की आदिम पिपाशा को रेखांकित करती है .विवाह के पश्चात् स्त्री की अपने मायके और ससुराल में अतिथि की हैसियत राह जाती है . बलिदान सियासत करने वालों का भंडाफोड करती है . प्रेम विहीन विवाह बंधन ही है बंदी जीवन यही दर्शाती है .भारतीय समाज स्त्रियों के साथ कितना बर्बर हों सकता है यही कथ्य है भाग शिल्पा भाग का .