प्रेम के रंग

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दिल्ली एक बहुत ही खूबसूरत जगह है इसलिए सायद दिल्ली को दिलवालो का शहर कहा गया हैं। अंशिका दिल्ली जैसे खूबसूरत शहर में रहती हैं और इसका भी दिल खुशनुमा, बेफिक्र और मस्तमौला है। अंशिका जिस स्कूल में पढ़ती है उसमें उसके ढेर सारे दोस्त लड़किया और लड़के हैं। अंशिका प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी इसलिए उसके वर्ताव और व्यव्हार में दिखाबा भी है। अंशिका के स्कूल के पास ही एक सरकारी स्कूल है जो लड़को का स्कूल है। अंशिका के घर के पास रूद्र नाम का एक लड़का रहता है जो उस सरकारी स्कूल में पढता है। रूद्र अंशिका को मन ही मन चाहता है। उसका स्कूल आते-जाते पीछा भी करता है और सोचता है कि कब अंशिका को उसकी मन की बात समझ आए। किंतु अंशिका इन सब बातों से बेपरवा अपने आप में मस्त रहने वाली लड़की है।

Full Novel

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प्रेम के रंग - 1

आज की प्रेम कहानीदिल्ली एक बहुत ही खूबसूरत जगह है इसलिए सायद दिल्ली को दिलवालो का शहर कहा गया अंशिका दिल्ली जैसे खूबसूरत शहर में रहती हैं और इसका भी दिल खुशनुमा, बेफिक्र और मस्तमौला है। अंशिका जिस स्कूल में पढ़ती है उसमें उसके ढेर सारे दोस्त लड़किया और लड़के हैं। अंशिका प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी इसलिए उसके वर्ताव और व्यव्हार में दिखाबा भी है। अंशिका के स्कूल के पास ही एक सरकारी स्कूल है जो लड़को का स्कूल है। अंशिका के घर के पास रूद्र नाम का एक लड़का रहता है जो उस सरकारी स्कूल में पढता ...Read More

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प्रेम के रंग - 2

भरी लव स्टोरीआज नेहा का जन्मदिन है और उसे पूरी उम्मीद है कि राहुल उसे शादी के लिए प्रोपोज़ करेगा। राहुल ने नेहा को वादा किया था कि उसके जन्मदिन के दिन वह उसे हीरे की अंगूठी देकर प्रोपोज़ करेगा। नेहा बेसब्री से राहुल का इंतजार कर रही है। तभी दरवाजे की घंटी बजती है और राहुल सामने खड़ा होता है। राहुल बहुत खुश लग रहा है। तभी राहुल ने कहा, “मुझे माफ कर देना नेहा, मुझे आने में थोड़ी देर हो गई।” नेहा ने कहा, “कोई बात नहीं। अच्छा यह बताओ कि मेरा बर्थडे गिफ्ट कहाँ हैं।” तभी ...Read More

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प्रेम के रंग - 3 - फेसबुक वाला प्यार

फेसबुक वाला प्यार एक लड़का था, जिसका नाम अनिल था। उसका कुछ दिन पहले ही एक लड़की के साथ हुआ था। अनिल उस लड़की से बहुत प्यार करता था पर वह लड़की किसी और से प्यार करती थी। अनिल को यह बात पता चल गया था कि वह उसे प्यार नहीं करती। यह जानने पर भी अनिल उसे बहुत प्यार करता था, उससे बहुत अच्छे से बात भी करता था। अनिल एक मिडिल क्लास फॅमिली से बिलोंग करता था। जितना उसे पॉकेटमनी मिलता था उन पैसो से वह उस लड़की के लिए गिफ्ट्स और चॉकलेट खरीदकर बर्बाद कर देता ...Read More

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प्रेम के रंग - 4 - एक अनोखी

एक अनोखीयह कहानी एक लड़की की है, जिसका सपना होता है की वह शहर की सबसे बड़ी डॉक्टर बनेगी। वह एक बहुत गरीब परिवार से थी। इसलिए वह लड़की बहुत मेहनत किया करती थी। उसके माता-पिता भी उसे डॉक्टर बनाने के लिए एक एक पैसा इखट्टा कर रहे थे, ताकि बाद में उसे कोई प्रॉब्लम न हो। लड़की के स्कूल में अच्छे मास्क आते थे इसी बजह से उसे एक अच्छे से कॉलेज में दाखिला भी मिल जाते है। लड़की कॉलेज एकेले ही जाती थी। उसके माता-पिता ने उसे समझाया था की पूरा धियान अपने पढ़ाई पर ही लगाना। ...Read More

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प्रेम के रंग - 5 - आखरी मुलाक़ात

आखरी मुलाक़ात(फ़ोन पर बात करते हुए) आदित्य – हैल्लो नंदिनी – आज मेरे साथ थोड़ी देर के लिए मिल हो? आदित्य – क्यों मिलना है तुम्हे? नंदिनी – बात करनी थी। आदित्य – सब तो ख़तम हो गया, अब मिलकर क्या करोगी? नंदिनी – आखरी बार तुम्हे देखना चाहता हूँ। आखरी बार तुमसे बात करना चाहता हूँ। (आदित्य नंदिनी से मिलने के लिए जाती है) आदित्य – बोलो, क्यों बुलाया मुझे? नंदिनी – तुम्हारे लिए ही तो मैंने खाना बनाना सीखा था। पर कभी भी तुम्हे खिला नहीं सकी। इसलिए आज तुम्हारे लिए अपने हाथो से कुछ बनाकर लायी ...Read More

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प्रेम के रंग - 6 - कर गई क्यों बेवफाई

कर गई क्यों बेवफाईएक बार एक लड़का और लड़की थे मिले। चलने लगे उनके प्यार के सिलसिले। लड़का अपने से भी ज्यादा उस लड़की को प्यार करने लगा। उसकी छोटी-छोटी बातों पर मरता था। लड़की भी दिखाती थी कि वह उसी से प्यार करती है लेकिन लड़के को यह नहीं पता था कि वह सिर्फ उसकी दौलत पर मरती है। लड़का अपने घर से काफी पैसे चुरा लेता था लड़की को घुमाने-फिराने के लिए। ऐसे ही बीतते-बीतते कई साल गुजर गए। लड़के के घर की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गए थे। लड़के के माँ को कुछ बड़ी बीमारी हो ...Read More

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प्रेम के रंग - 7 - अँधा इश्क़, मेरी बेकार सी जिंदगी

1 अँधा इश्क़एक लड़का था दीवाना सा, वह एक लड़की से बहुत प्यार करता था। लेकिन परेशानी यह थी वह लड़की अंधी थी। लकिन फिर भी वह लड़का लड़की को दिलों जान से चाहता था। उस लड़की की हर जरुरत को ध्यान में रखता और उसके घरवालों की हर संभव मदद करने की कोशिश करता था। लड़की भी उसे धीरे-धीरे चाहने लगी थी। लेकिन अंधी होने के कारण वह काफी उदास रहती थी। वह अक्सर उस लड़के से कहा करती थी, “तुम किसी और से शादी कर लो, नहीं तो दुनिया मुझे जीने न देगी और ताने देगी कि ...Read More

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प्रेम के रंग - 8 - मुझे माफ़ करदो

मुझे माफ़ करदोकॉलेज में पढ़ने वाले अमित और मल्लिका एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। एक दिन मल्लिका कॉलेज से हाफ-डे में ही निकल गई। कॉलेज से बाहर आने के बाद उसने अमित को फ़ोन किया और कहा की वह कॉलेज के बाहर गेट पर उसका इंतजार कर रहा है और उसे अपने बाइक से घर छोड़ दे। अमित ने मल्लिका से कहा, “ओके, मैं 5 मिनट में आता हूँ तुम वेट करो। मल्लिका पिछले 25 मिनट से कॉलेज के बाहर खड़ी रही। लेकिन अमित नहीं आया। गुस्से से लाल मल्लिका ने देखा की पुरे 30 मिनट बाद ...Read More

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प्रेम के रंग - 9 - मेरी दो बेटी है कैसे कर ले तुमसे शादी

मेरी दो बेटी है कैसे कर ले तुमसे शादीशादी के दस साल काजल के एक सजे के तरह गुज़र थे। काजल ऐसा मेहसूस करती थी जैसे काजल के मायके वालो ने काजल को ससुराल नही जेल भेजा हो। आज काजल कि शादी कि सालगिरह थी काजल आज अपने पति आशीष के लिए बहुत अच्छे से तैयार हुई थी। काजल तैयार होकर बहुत शरमाते हुए अपने पति के पास गईं आज तो यह मेरी बहुत तारीफ करेगे पर ऐसा कुछ नही हुआ काजल का पति आशीष जल से कहता है यह क्या बना रखा है काजल भूल गए क्या जी ...Read More

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प्रेम के रंग - 10 - बचपन के प्यार की अधूरी कहानी

बचपन के प्यार की अधूरी कहानीएक दिन रूही का मिट्ठू बहुत बीमार हो जाता है। रूही मिट्ठू को दवा बैठी रोती रहती है। मिट्ठू अपनी आखिरी सांसें लेता रहता है। घर के सारे लोग रूही का मज़ाक उड़ाते हैं और कहते हैं कि कोई बात नहीं एक मिट्ठू ही तो है, कौन सा इंसान है। लेकिन रूही के जज्बात कोई नहीं समझ रहा था। रूही को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मिट्ठू के साथ साथ उसकी भी सांसें निकल रही हों। वह अपने मिट्ठू को सहलाए जा रही थी और उसकी आंखों से आंसू जैसे रुक ही नहीं ...Read More

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प्रेम के रंग - 11 - सच्चा वाला प्यार

सच्चा वाला प्यारप्यार में धोखा खाए आशिक की हालत कुछ बिन पानी की मछली जैसी हो जाती है. ऐसा मैंने कहानियों में पड़ा है. लेकिन यह कहानी कुछ अलग है. यह कहानी है! एक ऐसे लड़के की जिसने एक लड़की से बेपनाह मोहब्बत की, लेकिन उसे बाद में मिला तो क्या? वही 'फरेब और धोखा'. लेकिन यह लड़का थोड़ा मानसिक स्तर पर मजबूत था. इसीलिए कुछ समय उदास रहने के बाद फिर से नॉर्मल हो गया. लेकिन साहब!! वह कहावत तो आपने सुनी होगी-- "यह इश्क नहीं आसान. बस इतना समझ लीजिए कि आग का दरिया है और डूब ...Read More